कभी पूरब का मैनचेस्टर रहा कानपुर एके-47 की आवाज़ से तड़तड़ा उठा है। अपराध के व्यवसाय में फ़िर से ग्लैमर का तड़का लग गया है। पुलिस के आठ जवान पचास हज़ार के इनामी शातिर अपराधी विकास दुबे के साथ असली मुठभेड़ में जान गंवा बैठे हैं। इनमें सीओ देवेंद्र मिश्र, थाना शिवराजपुर प्रभारी महेश यादव, मंधाना चौकी प्रभारी अनूप कुमार, कांस्टेबल सुल्तान सिंह, राहुल, बबलू कुमार और जितेंद्र शामिल हैं। ऐसी घटना अपराध की दुनिया में बरसों तक याद रखी जाती है।