विधानसभा का चुनाव पांच प्रदेशों में है, और यदि समय से चुनाव कराने की मेहरबानी चुनाव आयोग ने की तो बहुत कम अंतराल में पांचों प्रदेशों के चुनाव होंगे। लेकिन क्या ऐसा नहीं लगता कि बीजेपी का सारा चुनावी जोर यूपी में ही है। बिल्कुल पश्चिम बंगाल जैसा। वहां ममता को हराने के लिए पूरी केंद्र सरकार ने पूरी ताक़त झोंक दी थी और यूपी में योगी सरकार बचाने के लिए पूरी ताक़त झोंक रही है। हाल यह है कि योगी की कुर्सी बचाने पीएम और गृहमंत्री यूपी में जूझ रहे हैं।
क्या महिला वोटर तय करेंगी यूपी का चुनाव?
- उत्तर प्रदेश
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- 6 Jan, 2022

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में महिलाओं को चुनावी मुद्दा बना दिया है तो क्या इस बार महिला वोटर ही चुनावी दिशा तय करेंगी?
पिछले सात सालों में बेशक कुछ विकास के कार्य भी हुए हैं लेकिन बीजेपी इतनी डरी हुई है कि वह मंदिर-मसजिद-हिंदू-मुसलमान से आगे बढ़ ही नहीं पा रही। प्रचार के लिए लगे उसके होर्डिंग्स में अयोध्या ही दिख रहा है। काशी भी जल्द दिखने लगेगा। धूंआधार जनविश्वास यात्राओं में केंद्र से लेकर प्रदेश तक यूपी से जुड़े जितने बड़े नेता हैं, सबको झोंक दिया गया और ‘हिंदू ख़तरे हैं’ के नाम पर वोट मांग रहे हैं। बहुत आगे बढ़ पाए तो मुफ्त अनाज से लेकर आवास, शौचालय और किसान सम्मान निधि को वोट पाने का हथियार बना रहे हैं। हालाँकि जनविश्वास यात्राओं में आ रही भीड़ से इन्हें निराशा ही हो रही है।