उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने विधान परिषद के नेता पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने मंत्री पद की व्यस्तता का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दिया। हालांकि स्वतंत्र देव सिंह ने हाल ही में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है।
विधान परिषद के प्रमुख सचिव कार्यालय ने भी स्वतंत्र देव सिंह के इस्तीफे की पुष्टि की। उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य सदन के नए नेता होंगे।
ख़ास ख़बरें
कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष भी है। इसके संकेत पहले से ही मिल रहे थे कि दो पदों पर होने की वजह से उन्हें एक पद छोड़ना पड़ेगा। हालांकि स्वतंत्र देव सिंह ने अभी इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है। लेकिन बीजेपी सूत्रों का कहना है कि विधान परिषद में केशव मौर्य उनसे सीनियर थे, इसलिए पार्टी ने तय किया कि स्वतंत्र देव सिंह के पास चूंकि प्रदेश अध्यक्ष का भी पद है, इसलिए उन्हें नेता विधान परिषद का पद छोड़ देना चाहिए। विधान परिषद में बीजेपी के 75 एमएलसी हैं। इसमें स्वतंत्र देव सिंह वरिष्ठता क्रम में तीसरे नंबर पर आते हैं।

केशव मौर्य
बीजेपी में केशव मौर्य का कद लगातार बढ़ रहा है। स्वतंत्र देव सिंह को पार्टी को प्रदेश में खड़ा करने का श्रेय दिया जाता है, जबकि केशव मौर्य पिछला विधानसभा चुनाव सिराथू से हार गए थे। लेकिन इसके बावजूद बीजेपी ने उन्हें डिप्टी सीएम बना दिया। अब विधान परिषद में सदन का नेता भी बना दिया। इसके पीछे बीजेपी की पिछड़ों के बीच अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश देखी जा रही है।
उत्तर प्रदेश से और खबरें
हालांकि हाल ही में मंत्री दिनेश खटीक ने स्वतंत्र देव सिंह से मतभेदों की वजह इस्तीफा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेज दिया था। लेकिन बाद में अमित शाह के समझाने पर वो मान गए थे। लेकिन दोनों के बीच खटास अभी भी बाकी बताई जा रही हैं। स्वतंत्र देव सिंह चूंकि बीजेपी और आरएसएस के पुराने नेता हैं तो उन्होंने अनुशासन का पालन करते हुए सिर्फ विधान परिषद का नेता पद छोड़ा।
अपनी राय बतायें