भाजपा के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी मंगलवार को अपनी ही सरकार पर हमलावर हो गये। पीलीभीत में हुए एक जनसंवाद कार्यक्रम में उन्होंने भाजपा सरकार पर बेरोजगारी को लेकर जमकर तंज कसा।
उन्होंने शायराना अंदाज में कहा कि, तेरी मोहब्बत में हो गए फना, मांगी थी नौकरी मिला आटा, दाल और चना।
इस शेर के जरिये उन्होंने कहना चाहा कि गरीबो को मुफ्त में मिल रहे राशन देने की जगह रोजगार देना चाहिए था। उन्होंने कहा कि आज बेरोजगारी काफी बढ़ चुकी है।
लोगों को रोजगार देने की जगह सरकार मुफ्त में आटा, दाल और चना दे रही है। सरकार स्थाई रोजगार सिर्फ इसलिए नहीं दे रही है क्योंकि उसे लगता है कि वह तो आटा, दाल और चना तो दे ही रही है। वरुण ने आरोप लगाया कि चुनाव जीतने के लिए यह सब किया जा रहा है।
वरुण गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में बीतें पांच वर्ष में निजीकरण के कारण 18 लाख लोग नौकरियों से हटाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि बीते 8 वर्षों में लोगों का वास्तविक वेतन मात्र एक प्रतिशत ही बढ़ा है जबकि महंगाई कई गुना बढ़ चुकी है। इसके कारण आम लोगों की जिंदगी मुश्किल हो गई है।
उन्होंने कहा कि इस बढ़ती महंगाई के कारण लोगों की जो जमा पूंजी थी वह भी खत्म हो चुकी है। महंगाई का काफी बुरा असर आम लोगों पर पड़ रहा है।
वरुण गांधी ने कहा कि अक्सर सुनते हैं कि सरकार स्थिर और स्थाई है लेकिन क्या लोग खुश हैं। उनका जीवन पहले से मजबूत है, बिल्कुल नहीं।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पहले ही बेरोजगारी की चपेट में था अब इन 18 लोगों का आंकड़ा इसे और बढ़ा रहा है। इन 18 लाख लोगों का असर राज्य के करीब एक करोड़ लोगों पर पड़ रहा है।
निजीकरण के काण नौकरी के बारे में सोचना भी कठिन है
पीलीभीत पहुंचे वरुण गांधी ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि पहले आम आदमी के लिए सरकारी नौकरी एकमात्र नौकरी थी। जबसे निजीकरण हुआ है तब से नौकरी पाना तो दूर उसके बारे में सोचना भी कठिन है। यही कारण है कि आज दो भारत बन चुके गए हैं। वरुण गांधी ने कहा कि इस दो भारत में से एक भारत में लोग आसानी से दौड़ रहे हैं। वहीं दूसरे भारत का भट्टा बैठता जा रहा है। पिछले 7 वर्षों में देश के 28 करोड़ लोगों ने सरकारी नौकरी के लिए परीक्षाएं दी पर इसमें से नौकरी सिर्फ 7 लाख लोगों को ही मिली है।
वरुण गांधी ने युवाओं की बेरोजगारी के सवाल को उठाते हुए कहा कि देश में पहले इंजीनियर की नौकरी बहुत बड़ी मानी जाती थी लेकिन आज इसका भी हाल बहुत खराब है। बड़ी संख्या में इंजीनियर बेरोजगार हैं। अब प्रत्येक वर्ष 15 लाख से अधिक इंजीनियर पढ़ाई कर निकलते हैं लेकिन इनमें से मात्र 15 प्रतिशत को ही नौकरी मिलती है।
वरुण गांधी ने कहा कि एक गांव का किसान कर्ज लेकर अपने बेटे को पढ़ाता है लेकिन देश मेें मौजूद बेरोजगारी के कारण जब उसके बेटे को नौकरी नहीं मिलती है तब सोचिए उसके दिल पर क्या गुजरती होगी।
अग्निवीरों को पांच वर्ष बाद निकाला जायेगा
भाजपा के सांसद वरुण गांधी ने केंद्र सरकार पर अग्निवीर योजना को लेकर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना की आलोचना करते हुए कहा कि आज आर्मी में योद्धा बनने के लिए कितना संघर्ष करना पड़ता है। अग्निवीरों से 5 वर्ष सेवा लेने के बाद उनको निकाला जायेगा। अब जरा सोचें गांव लौटने के बाद जब उनके पास गांव में कोई काम नहीं होगा तब वे क्या करेगें। उन्होंने पूछा कि क्या यह सेना का अपमान नहीं है? वरुण गांधी ने कहा कि आज जब निजीकरण के कारण ज्यादातर नौकरियां संविदा पर हैं तब सरकार को इस तरह की योजना नहीं लानी चाहिए।
वरुण गांधी ने अग्निवारों की भर्ती को लेकर आलोचना कर सेना में जाने की तैयारी कर रहे युवाओं को लुभाने की कोशिश की है। वह जानते हैं कि अगर युवाओं के करीब जाना है तो बेरोजगारी जैसे मुद्दों को जोरशोर से उठाना होगा।
राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि वरुण गांधी ने जिस तरह से भाजपा पर खुल कर हमला बोला है। इससे यह तो साफ है कि भाजपा उन्हें 2024 लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं देने जा रही है। भाजपा के खिलाफ बयान देकर या सरकार पर सवाल उठाकर वरुण ने भी संकेत दे दिया है कि वह अब मान चुके हैं कि भाजपा में उनका कोई भविष्य नहीं है। यही कारण है कि वह भाजपा पर हमलावर हैं।
माना जा रहा है कि वह अगले कुछ महीनों में भाजपा का दामन आधिकारिक तौर पर छोड़ सकते हैं। पिछले दिनों राहुल गांधी से हुई उनकी मुलाकाकत को लेकर भी तरह-तरह के कयास लगाये जा रहे हैं।
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