उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर कई दिनों तक जारी रही हिंसा और अब तक सुलग रहे असंतोष का मुख्य जिम्मेदार योगी सरकार ने इसलामिक संगठन पॉपुलर फ़्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफ़आई) को माना है। हालांकि सरकार के निशाने पर अकेले पीएफ़आई नहीं बल्कि वामपंथी रुझान के लोग, सामाजिक व मानवाधिकार कार्यकर्ताओं से लेकर छात्र तक हैं। यूपी के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह के द्वारा पीएफ़आई की संदिग्ध गतिविधियों को लेकर भेजे गए पत्र को प्रदेश के गृह विभाग ने केंद्र सरकार को भेज दिया है और इस संगठन पर बैन लगाने को कहा है।
यूपी: पीएफ़आई से जुड़े लोगों की धरपकड़ जारी, सैकड़ों को जेल भेजा
- उत्तर प्रदेश
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- 1 Jan, 2020
बीते कई दिनों से प्रदेश के लगभर हर जिले में पीएफ़आई से जुड़े लोगों की धरपकड़ जारी है। बताया जा रहा है कि इस संगठन से जुड़े होने के आरोप में सैकड़ों लोगों को जेल भेज दिया गया है।

प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध को लेकर बीते 19 दिसंबर को भड़की हिंसा के सिलसिले में पीएफ़आई के प्रदेश संयोजक, कोषाध्यक्ष सहित दर्जनों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। बीते कई दिनों से प्रदेश के लगभर हर जिले में पीएफ़आई से जुड़े लोगों की धरपकड़ जारी है। बताया जा रहा है कि इस संगठन से जुड़े होने के आरोप में सैकड़ों लोगों को जेल भेज दिया गया है।