उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर कई दिनों तक जारी रही हिंसा और अब तक सुलग रहे असंतोष का मुख्य जिम्मेदार योगी सरकार ने इसलामिक संगठन पॉपुलर फ़्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफ़आई) को माना है। हालांकि सरकार के निशाने पर अकेले पीएफ़आई नहीं बल्कि वामपंथी रुझान के लोग, सामाजिक व मानवाधिकार कार्यकर्ताओं से लेकर छात्र तक हैं। यूपी के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह के द्वारा पीएफ़आई की संदिग्ध गतिविधियों को लेकर भेजे गए पत्र को प्रदेश के गृह विभाग ने केंद्र सरकार को भेज दिया है और इस संगठन पर बैन लगाने को कहा है।