क्या बाग़पत की सरज़मीं बग़ावत के इतिहास को फिर से दोहराएगी? स्थानीय किसानों का तो यही दावा है। शाहमल के आह्वान पर मेरठ-बाग़पत क्षेत्र के 84 गाँवों के किसान अपना घर-गाँव छोड़ कर लड़ने चले गए थे। उन्होंने ब्रिटिश हुक़ूमत के ख़िलाफ़ बग़ावत की थी। वह 163 साल पुरानी इतिहास की गाथा थी। क्या सुदेशना राठी के आह्वान पर गांगनौली के किसान अपना गाँव छोड़ कर चले जाएंगे? क्या वे योगी आदित्यनाथ सरकार के ख़िलाफ़ नाराज़गी व्यक्त करना चाहते हैं? यह वर्तमान की रिपोर्ट है।
क्या बागपत में पुलिस के आतंक से गाँववाले घर बेच कर भाग रहे हैं?
- उत्तर प्रदेश
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- 6 Sep, 2020

2017 के विधान सभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी सभाओं को सम्बोधित करते हुए कहा था कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान हिंसा से डरे हुए हैं और गाँव छोड़कर भाग रहे हैं। उन्होंने चुनाव जीतने के बाद इन किसानों के भीतर से हिंसा को मिटाने का आह्वान किया था। मुख्यमंत्री बन जाने के बाद योगी आदित्यनाथ ने भी इस डर को जड़ से ख़त्म करने का वायदा किया था। आज स्थिति यह है कि पुलिस के डर से आक्रांत ये किसान अपने गाँव को छोड़ कर निकल जाने की तैयारी में हैं।