यूपी में एक महिला जज ने न्याय की गुहार लगाई है। यौन उत्पीड़न और न्याय नहीं मिलने से आहत महिला जज ने इच्छामृत्यु की मांग की है। उन्होंने इसके लिए सीजेआई को खुला ख़त लिखा है। ख़त दिल को झकझोरने वाला है। उन्होंने कहा है कि 'मैं चलती फिरती लाश हूँ'। उन्होंने लिखा है कि आत्महत्या का प्रयास भी विफल रहा। पूरी तरह निराश महिला जज ने तो यहाँ तक लिखा है कि 'कामकाजी महिलाएँ लड़ना छोड़ दें और खिलौने या फिर निर्जीव जीव की तरह जीना सीख लें'। इस खुले ख़त पर सीजेआई ने इलाहाबाद हाई कोर्ट से रिपोर्ट मांगी है।