नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश में हुए प्रदर्शनों में अपनी कार्रवाइयों को लेकर राज्य की पुलिस लगातार घिरती जा रही है। उत्तर प्रदेश पुलिस पर कार्रवाई के नाम बर्बरता करने, मुसलिम समुदाय के घरों में घुसकर उन्हें बेरहमी से पीटने के आरोप तो लग ही रहे हैं, अपने कई दावों को लेकर भी पुलिस सवालों के घेरे में आ गई है।
नागरिकता क़ानून: पुलिस ने कहा - 57 जवान हुए गोली लगने से घायल; लेकिन मिला सिर्फ़ 1
- उत्तर प्रदेश
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- 4 Jan, 2020
उत्तर प्रदेश पुलिस पर मुसलिम समुदाय के घरों में घुसकर उन्हें बेरहमी से पीटने के आरोप तो लग ही रहे हैं, अपने कई दावों को लेकर भी पुलिस सवालों के घेरे में आ गई है।

उत्तर प्रदेश में इस क़ानून के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान 21 लोगों की मौत हो गई है। विपक्षी राजनीतिक दलों का आरोप है कि कई लोगों की हत्या गोली लगने से हुई है। जबकि उत्तर प्रदेश की पुलिस ने सिर्फ़ एक शख़्स की पुलिस की गोली से मौत होने की बात स्वीकार की है। यह शख़्स बिजनौर का रहने वाला था। पुलिस के आला अफ़सर यह कहकर अपना बचाव कर रहे हैं कि पुलिस को आत्मरक्षा में गोली चलानी पड़ी है।