विधानसभा चुनाव में हारने के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को अब विधान परिषद के चुनाव में भी ज़ोर का झटका लगा है। 36 सीटों पर हुए चुनाव में उनकी पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई। सपा के ज्यादातर उम्मीदवार 500 से कम वोट पर ही सिमट गए इक्का-दुक्का उम्मीदवार ही हज़ार वोटों का आंकड़ा पार कर पाए।
सबसे शर्मनाक बात यह रही कि मुसलिम बहुल इलाकों के चुने हुए प्रतिनिधियों का वोट भी बीजेपी को चला गया है। समाजवादी पार्टी के अस्तित्व के लिए ये बड़े ख़तरे का संकेत है।
यूपी एमएलसी चुनाव: अपने ही गढ़ में क्यों चारों खाने चित हुए अखिलेश?
- उत्तर प्रदेश
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- 13 Apr, 2022

विधान परिषद के चुनाव में सपा का प्रदर्शन बेहद ख़राब रहा है। विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद इस एक और हार से क्या पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव सबक लेंगे?
सपा का सफाया
बता दें कि 36 सीटों पर हुए विधान परिषद के चुनाव में बीजेपी 9 सीटें पहले ही निर्विरोध जीत चुकी थी। बाकी 27 सीटों पर हुए चुनाव में से बीजेपी ने 24 सीटें जीत ली हैं। सपा का खाता तक नहीं खुला है। राजा भैया की नई नवेली पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक ने प्रतापगढ़ की एक सीट जीती है। वाराणसी और आज़मगढ़ की 2 सीटें निर्दलीयों ने जीती हैं। इस तरह देखा जाए तो अखिलेश यादव का प्रदर्शन राजा भैया की पार्टी से भी ख़राब रहा है।