उत्तर प्रदेश के सीतापुर में शनिवार को लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक स्थानीय पत्रकार और आरटीआई कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक राघवेंद्र बाजपेयी दैनिक जागरण के स्थानीय संवाददाता थे। लेकिन जिस तरह से यह हत्या की गई, वो महत्वपूर्ण है। परिवार का कहना है कि पुलिस इस मामले में लीपापोती कर रही है।
“
पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी को 10 दिनों पहले धमकी मिली थी। उन्होंने धान खरीद को लेकर कोई खबर लिखी थी। शनिवार को उनके पास कोई फोन आया, उसके बाद वो अपनी बाइक से निकले थे।
रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना तब हुई जब हमलावरों ने पहले उसकी बाइक को टक्कर मारी और फिर उन्हें तीन बार गोली मारी। पहले इसे सड़क हादसा माना गया। लेकिन पोस्टमॉर्टम के दौरान जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि उनके शरीर पर तीन गोलियों के निशान पाए गए हैं। इसके बाद इसे हत्या का मामला बना दिया गया।
35 वर्षीय पत्रकार शनिवार दोपहर को एक फोन कॉल आने के बाद अपने घर से निकले थे। कुछ ही देर बाद, करीब 3:15 बजे हाईवे पर उनकी हत्या कर दी गई।
गुनाह सच को सच लिख देना,
— Sushil Kumar (@KumarSushil25) March 8, 2025
सजा दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या 🥲 #sitapur
सीतापुर में दिन दहाड़े एक पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी गई, बाकि यूपी में कानून व्यवस्था बहुत बढ़िया है! डंका बजाइए... pic.twitter.com/pFCdcsUKh3
पुलिस अभी तक हत्या के पीछे के मकसद का पता नहीं लगा पाई है। यह रिपोर्ट लिखे जाने तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। अधिकारी मामला दर्ज करने से पहले पीड़ित परिवार की ओर से औपचारिक शिकायत का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि परिवार खुलेआम पुलिस पर मामले की लीपापोती का आरोप लगा रहा है। उसने सवाल भी किया है कि क्या यही कानून व्यवस्था है।
सीतापुर में बदमाशों ने पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी।
— UP Congress (@INCUttarPradesh) March 8, 2025
प्रदेश में कायम 'जंगलराज' हर रोज किसी न किसी की जान लेता है और सत्ताधीश को कोई फर्क नहीं पड़ता है। pic.twitter.com/Iv71j8KpQB
पुलिस के मुताबिक, "आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए चार टीमें गठित की गई हैं। महोली, इमलिया और कोतवाली की पुलिस टीमों के साथ ही सर्विलांस और एसओजी की टीमों को भी जांच और आरोपियों की पहचान के लिए लगाया गया है।"
अपनी राय बतायें