उत्तर प्रदेश में एक अदद सरकारी टीचर बनने की चाह में लाखों लोग ट्वि्टर से लेकर फ़ेसबुक तक गुहार लगा रहे हैं। अख़बारों, चैनलों से लेकर नेताओं के चक्कर लगाते-लगाते थक चुके इन लोगों के लिए अब सोशल मीडिया ही एक सहारा बचा है। इसी साल के शुरू में प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में 69000 शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा देकर बैठे इन लोगों का इंतज़ार लंबा खिंचता जा रहा है। शिक्षकों की इस बंपर भर्ती को लेकर प्रदेश में शिक्षामित्रों व अन्य ज़रूरी अर्हता रखने वालों के बीच ठन गयी और पूरा मामला अदालत में चला गया। उधर योगी सरकार हर रोज़ एलान कर रही है कि स्कूलों में शिक्षकों की कमी पूरी की जाएगा। सत्ताधारी पार्टी के नेता हर रोज़ लाखों शिक्षकों के पद भरने का भी दावा करते हैं पर बीते 9 महीनों से नौकरी के इंतज़ार में बैठे लोगों की आस टूटने लगी है।
यूपी में क्यों रुकी है 69000 शिक्षकों की भर्ती, सरकार कितनी गंभीर?
- उत्तर प्रदेश
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- 18 Sep, 2019
उत्तर प्रदेश में सरकारी टीचर बनने की चाह में लाखों लोग ट्वि्टर से लेकर फ़ेसबुक तक गुहार लगा रहे हैं। इन लोगों के लिए अब सोशल मीडिया ही एक सहारा बचा है। भर्ती में रुकावट के लिए कौन है ज़िम्मेदार?

शिक्षकों की भर्ती पर मची रार के बीच योगी सरकार ने बीच का रास्ता निकालने की पहल की है। सरकार ने अदालत में इस मामले में पक्ष रख रहे सरकारी वकील से हलफ़नामा देकर बताने को कहा है कि भर्ती के मामले में बीच का रास्ता निकालते हुए सभी को संतुष्ट किया जाएगा।