काफी दिनों से टलते आ रहे उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार पर सहमति बन गयी है। रविवार शाम साढ़े पाँच बजे राजभवन में नए मंत्रियों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी। इसके लिए राजभवन की ओर से सूचना भेज दी गयी है।
माना जा रहा है कि इस विस्तार में सात लोगों को शामिल किया जा सकता है। इनमें से एक को कैबिनेट मंत्री और छह को राज्य मंत्री बनाया जाएगा।
उत्तर प्रदेश सरकार का वर्तमान कार्यकाल ख़त्म होने में बस साढ़े पाँच महीनों का समय बाकी है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि मौजूदा मंत्रियों में से ज़्यादातर अपनी कुर्सी पर कायम रहेंगे और विभागों में भी अधिक फेरबदल नहीं होगा। लेकिन कैबिनेट मंत्री रमापति शास्त्री को हटाए जाने की चर्चा है।
इन नामों की है चर्चा
रविवार को होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में जिन नामों की चर्चा जोरों पर हैं, उनमें हाल ही में कांग्रेस छोड़ कर आए जितिन प्रसाद का नाम सबसे ऊपर है। जितिन अभी किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। उन्हें नामांकित कोटे की विधान परिषद में खाली चार सीटों में भी जगह दी जाएगी।
इसके अलावा हाल ही में उत्तराखंड के राज्यपाल के पद से इस्तीफ़ा देने वाली आगरा की बेबी रानी मौर्य का नाम भी संभावितों में शामिल है।
सोनभद्र से बीजेपी के इकलौते आदिवासी विधायक संजय गोंड, बलरामपुर से पल्टूराम, धर्मवीर खटीक, छत्रपाल गंगवार, सकलदीप राजभर, संगीता बलवंत, ए. के. शर्मा, धीरेंद्र गुर्जर, तेजपाल नागर, आशीष पटेल और संजय निषाद का नाम भी संभावितों की सूची में बताया जा रहा है।
संजय निषाद का इंकार
संभावितों की सूची में बताए जा रहे संजय निषाद ने खुद को मंत्री बनाए जाने की जानकारी से इंकार किया है। उनका कहना है कि मंत्री परिषद विस्तार की सूचना है, पर उन्हें शपथ लेने का बुलावा दोपहर तक नहीं मिला है। निषाद पार्टी अध्यक्ष संजय निषाद फिलहाल लखनऊ से दूर लखीमपुर में हैं।
दो दिन पहले ही निषाद की पार्टी और बीजेपी के बीच आगामी विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ने पर सहमति बनी है।
बीजेपी के कुछ नेताओं का कहना है कि संजय निषाद को विधान परिषद के लिए नामांकित किए जाने पर सहमति बनी थी, पर उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने पर कोई फ़ैसला नही किया गया है।
कल्याण सिंह के पौत्र का प्रमोशन?
जानकारों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री व कद्दावर नेता कल्याण सिंह के पौत्र व मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री के तौर पर काम कर रहे संदीप सिंह को प्रोन्नति मिल सकती है। उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है।
अभी हाल ही में जिस तरह से कल्याण सिंह के निधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह की सक्रियता नज़र आयी, उससे भी इस संभावना को बल मिला है।
बीजेपी के पास कोई सर्वमान्य लोध नेता नहीं बचा है। विवादों में रहे साक्षी महाराज या आरोपों में हटाए गए मंत्री धर्मपाल की जगह पार्टी संदीप सिंह को प्रोन्नत कर लोध बिरादरी को साधने की कोशिश कर सकती है।
जातीय समीकरण
विधानसभा चुनावों के ठीक पहले होने वाले मंत्रिपरिषद विस्तार में जातियों का समीकरण दुरुस्त करने की क़वायद भी की जाएगी। ब्राह्मण वर्ग को साधने के लिए इस बिरादरी के जितिन प्रसाद के अलावा एक और नेता को मंत्री बनाया जा सकता है।
ओमप्रकाश राजभर की नाराज़गी से होने वाले नुक़सान को कम करने के लिए सकलदीप राजभर की लॉटरी लग सकती है। पश्चिम यूपी में गूजरों को साधने के लिए इस बिरादरी को जगह दी जा सकती है तो दलितों में कम से कम दो लोगों को शामिल किया जा सकता है।
छह मंत्री
उत्तर प्रदेश में विधायकों की संख्या के आधार पर मंत्रिमंडल में 60 लोगों को शामिल किया जा सकता है। अभी कुल 54 मंत्री हैं। इस तरह छह सीटें खाली हैं।
रमापति शास्त्री से इस्तीफ़ा दिलवा कर एक और किसी को समायोजित किया जा सकता है। माना जा रहा है कि चुनाव नजदीक होने की वजह से बीजेपी बहुत ज़्यादा प्रयोग करने की स्थिति में नहीं है। सभी पुराने मंत्रियों को बदस्तूर रखा जाएगा।
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