उत्तर प्रदेश के बरेली में एक सरकारी स्कूल में मुहम्मद इक़बाल की कविता 'लब पे आती है दुआ' का पाठ करने पर विवाद हो गया। कविता का पाठ करने के मामले में स्कूल की प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया है और शिक्षा मित्र के ख़िलाफ़ जाँच के आदेश दिए गए हैं। इन पर आरोप लगाया गया है कि इन्होंने वह पाठ कराकर धार्मिक भावनाओं को आहत किया। दोनों के ख़िलाफ़ विश्व हिंदू परिषद के स्थानीय पदाधिकारी द्वारा एफ़आईआर दर्ज कराई गई है।
यह कार्रवाई तब की गई है जब स्कूल में सुबह की प्रार्थना के दौरान मुहम्मद इक़बाल की कविता 'लब पे आती है दुआ' का पाठ करने वाले छात्रों का एक वीडियो वायरल हुआ। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार स्कूल के प्रिंसिपल नाहिद सिद्दीकी और शिक्षा मित्र वज़ीरुद्दीन के खिलाफ फरीदपुर पुलिस स्टेशन में स्थानीय विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी सोमपाल सिंह राठौर ने शिकायत दर्ज कराई। इसके आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई। इसमें आरोप लगाया गया था कि विद्यार्थियों का धर्म परिवर्तन करने के लिए सरकारी स्कूल में 'धार्मिक प्रार्थना' कराई गई थी।
आरोप यह भी लगाया गया है कि बच्चों को धमकाया जा रहा है कि यही प्रार्थना करनी है। हिंदू संगठन का आरोप है कि छात्र छात्राओं को इस्लाम धर्म की ओर प्रेरित करने के उद्देश्य से ये किया जा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार शिक्षा विभाग ने स्कूल की प्रिंसिपल नाहिद सिद्दीकी को भी निलंबित कर दिया है। अंग्रेजी अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार बरेली के बेसिक शिक्षा अधिकारी विनय कुमार ने कहा, "एक प्रार्थना पढ़ी जा रही थी जिसमें कुछ ऐसा कहा गया था, ‘अल्लाह इबादत करना’। यह निर्धारित प्रार्थना नहीं है और इसलिए स्कूल की प्रिंसिपल नाहिद सिद्दीकी को निलंबित कर दिया गया है। मैंने शिक्षा मित्र के खिलाफ भी जांच के आदेश दिए हैं।"
बता दें कि 'लब पे आती है दुआ' 1902 में मुहम्मद इक़बाल द्वारा लिखी गई थी। अल्लामा इकबाल के नाम से भी मशहूर मुहम्मद इक़बाल ने 'सारे जहां से अच्छा' गीत लिखा था।
रिपोर्ट के अनुसार तीन साल पहले भी एक ऐसा ही मामला हुआ था। तब अक्टूबर 2019 में पीलीभीत के बीसलपुर इलाके में एक सरकारी प्राथमिक स्कूल के प्रधानाध्यापक को स्थानीय वीएचपी कार्यकर्ताओं की शिकायत के बाद निलंबित कर दिया गया था। उसमें आरोप लगाया गया था कि शिक्षक ने छात्रों को एक धार्मिक प्रार्थना सुनाई, जो आमतौर पर मदरसों में पढ़ी जाती है। उस मामले में भी छात्रों ने अल्लामा इकबाल की "लब पे आती है दुआ" का पाठ किया था।
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