लॉकडाउन में फँसे मज़दूरों के लिए विशेष ट्रेनें चलाने, राज्यों की ओर से बसें भेजे जाने की कवायद ने भी हालात के मारे लोगों की राह आसान नहीं की है।
ट्रेन-बसों की घोषणा से भी मज़दूरों की राह आसान नहीं हुई! झाँसी में फँसे हज़ारों लोग
- उत्तर प्रदेश
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- 3 May, 2020

उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश की सीमा पर झाँसी ज़िले में दो दिनों में हज़ारों की तादाद में बाहर से लौट रहे मज़दूर फँसे हुए हैं। अचानक पहुँचे उन मज़दूरों को झाँसी में रोक लिया गया और आगे नहीं जाने दिया गया।
उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश की सीमा पर झाँसी ज़िले में दो दिनों में हज़ारों की तादाद में बाहर से लौट रहे मज़दूर फँसे हुए हैं। अचानक पहुँचे उन मज़दूरों को झाँसी में रोक लिया गया और आगे नहीं जाने दिया गया। बिना इंतज़ाम के रोके गए इन लोगों को 24 घंटे तक खाना-पानी के लिए भटकना पड़ा। जहाँ बड़ी तादाद में मज़दूरों को झाँसी की भोजला मंडी में रखा गया वहीं उनसे भी ज़्यादा लोग अलग-अलग जगहों पर फँसे रहे। शुक्रवार से फँसे इन मज़दूरों में कुछ को रविवार तड़के से रवानगी की जा सकी। हालाँकि सभी की किस्मत इतनी अच्छी नहीं रही और वे अब भी अलग-अलग जगहों पर खुले आसमान के नीचे पड़े हैं। झाँसी में पहुँचे इन मज़दूरों में से कुछ महाराष्ट्र व गुजरात तो कुछ मध्य प्रदेश से आए हैं जिन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश के ज़िलों में अपने-अपने घरों को जाना है। कल ही महाराष्ट्र से लखनऊ जा रहे 18 मज़दूरों को सीमेंट मिक्सर वाले ट्रक से मध्य प्रदेश सीमा पर निकाला गया था।