देश की आम जनता की कमर महंगाई से टूट चुकी है। खाने के तेल से लेकर पेट्रोल-डीजल तक और दालों से लेकर फलों तक सब कुछ बहुत महंगा हो चुका है। लेकिन यूपी बीजेपी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह इस बात से पूरी तरह इनकार करते हैं कि यूपी में महंगाई नाम की कोई चीज है। उनका कहना है कि यूपी में महंगाई है ही नहीं।
स्वतंत्र देव सिंह ने यह नायाब बात शुक्रवार को लखनऊ में आयोजित पंचायत आज तक के कार्यक्रम में कही। उन्होंने यह भी कहा कि यूपी में दूर-दूर तक उन्हें कोई समस्या नहीं दिखाई दे रही है और यहां कोई महंगाई नहीं है।
बाज़ार से राशन लाने वाले हिंदुस्तान के किसी भी शख़्स से पूछिए, चाहे वह अमीर ही क्यों न हो, वह बताएगा कि महंगाई किस क़दर बढ़ी है। ग़रीब आदमी की तो हालत बद से बदतर हो ही चुकी है क्योंकि एक तो लॉकडाउन की मार, दूसरा बढ़ती महंगाई ने उसका जीवन नर्क बना दिया है।
पिछले साल के मुक़ाबले इस साल आप देखें तो सरसों, वनस्पति के तेल से लेकर, अरहर-मसूर-चने की दाल, चाय, दूध सब कुछ महंगा हो चुका है। सरसों का तेल 200 रुपये लीटर के पार हो चुका है जबकि पेट्रोल-डीजल कई महानगरों में 107 रुपये प्रति लीटर तो कई शहरों में 110 रुपये तक पहुंच गया है।
उदाहरण के लिए देखिए, अगस्त 2020 में जो सरसों का तेल 120-125 रुपये था वो अब 200 रुपये के पार जा चुका है जबकि अरहर या तुअर की दाल 90 रुपये के आसपास थी वो अब 110 रुपये प्रति किलो के आसपास पहुंच गयी है।
हालिया आंकड़ों के मुताबिक़, दालों में 10%, फलों में 11.82%, अंडे में करीब 20 % और सबसे ज़्यादा खाने के तेलों के मामले में महंगाई दर 34.78% बढ़ गई है। हेल्थ यानी स्वास्थ्य सुविधाओं की महंगाई दर 7.71% और ईंधन व बिजली की महंगाई दर 12.68% पर है। जबकि ट्रांसपोर्टेशन और कम्युनिकेशन में यह आंकड़ा 11.56% पर है।
ये दोनों आंकड़े- यानी ईंधन और माल भाड़े की महंगाई बेहद ख़तरनाक हैं, क्योंकि यही आगे जाकर करीब-करीब हर चीज़ की महंगाई को बढ़ाने का काम करते हैं।
महंगाई की इस मार के बीच ख़बर जब यह आती है कि देश में जुलाई महीने में 32 लाख नौकरियां चली गई हैं, तो यह कोढ़ में खाज वाली स्थिति हो जाती है। जबकि स्वतंत्र देव सिंह कहते हैं कि यूपी में दूर-दूर तक उन्हें कोई समस्या नहीं दिखाई दे रही है।
एलपीजी सिलेंडर भी अच्छा-खासा महंगा हो चुका है। दिल्ली और मुंबई में इसकी क़ीमत 834.50 रुपये है जबकि चेन्नई में 850.50 इसकी क़ीमत रुपये है। कुल मिलाकर आम आदमी पर चौतरफ़ा मार पड़ रही है।
ढीली हो रही जेब
पेट्रोल-डीजल की बढ़ी क़ीमतों की वजह से लोग पहले से ही परेशान हैं और इस वजह से हर दिन उनकी जेब ढीली हो रही है। लेकिन इस सबके बावजूद अगर केंद्र और उत्तर प्रदेश में सरकार चला रही पार्टी के एक बड़े नेता यह कहते हैं महंगाई है ही नहीं तो आम इससे समझ लीजिए कि नेता किस तरह आपके जख़्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रहे हैं और उनका आपके दुख-दर्द से कितना वास्ता है, जिसकी दुहाई वे दिन-रात देते रहते हैं।
अपनी राय बतायें