समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता शुक्रवार को एक बार फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की अगुवाई में लखनऊ में सड़क पर उतरे। सपा का कहना है कि विधायकों ने महंगाई, महिला उत्पीड़न, किसानों की समस्याओं को लेकर सरकार से तमाम सवाल किए लेकिन सदन में इसका कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद विधायकों ने विधानसभा से वॉकआउट कर दिया। इन दिनों विधानसभा का सत्र चल रहा है।
पार्टी के तमाम विधायक और कार्यकर्ताओं ने अखिलेश यादव के नेतृत्व में विधानसभा से सपा कार्यालय तक पैदल मार्च किया। सपा ने कहा है कि वह सड़क से सदन तक लगातार संघर्ष करती रहेगी।
मार्च के दौरान सपा कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार निकम्मी है के नारे लगाए।
राज्यपाल से मिले
इससे पहले अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा के कुछ विधायक उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मिले। अखिलेश यादव ने कहा कि सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान पर लगातार झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं और झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। अखिलेश यादव ने राज्यपाल से आजम खान का उत्पीड़न रोकने की मांग की।
बताना होगा कि आजम खान 2 साल से ज्यादा वक्त तक जेल में रहने के बाद इस साल मई में जेल से रिहा हुए थे। आजम खान के खिलाफ प्रदेश सरकार ने लगभग 90 मुकदमे दर्ज कर दिए थे।
सपा कार्यकर्ताओं का कहना था कि देश में महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है और सरकार विधानसभा में उनकी बात नहीं सुन रही है इसलिए उन्हें सड़क पर उतरना पड़ा है।
14 सितंबर को भी लखनऊ में सपा के कार्यकर्ताओं ने तमाम मुद्दों पर आवाज़ बुलंद की थी। तब कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हुई थी और पार्टी के कई विधायकों और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। अखिलेश यादव से लेकर कई विधायकों के घर के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई थी।
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