कांग्रेस से जुड़े एक पूर्व विधायक से जब मैंने यह पूछा कि प्रियंका के ताज़ातरीन यूपी दौरे से पार्टीजनों को कितनी ऊर्जा मिली तो मुरझाये स्वर में उनका जवाब था- उन्होंने हमें ख़ासा निराश किया।
प्रियंका के दौरे के बाद क्या यूपी कांग्रेस में जान आ पायेगी?
- उत्तर प्रदेश
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- 22 Jul, 2021

सवाल यह है कि क्या कांग्रेस पिछली सारी गलतियों से सबक़ लेकर ही 2022 के विधान सभा चुनावों में उतरने जा रही है? क्या प्रियंका गाँधी भी पहले की महाभूलों के प्रति प्रशिक्षित हुई हैं? चुनावों की इस पूर्व बेला में उन्हें पार्टी में बहुत सारी 'डेंटिंग-पेंटिंग' करनी होगी।
यदि यह सचमुच उप्र के आम कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भावना है तो क्यों प्रियंका गाँधी के उप्र दौरे के ठीक पहले प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने यह बयान देकर सनसनी मचाने की कोशिश की कि 2022 के चुनावों में प्रियंका गाँधी ही कांग्रेस का चेहरा होंगी।
ख़ासतौर से तब जबकि इस बार प्रियंका ने पार्टीजनों के समक्ष यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी के संचालन का सूत्र पार्टी की प्रदेश लीडरशिप को स्वयं संभालना होगा और इसके लिए वह लखनऊ में अपना स्थायी ठिकाना नहीं बनाने जा रही हैं।