कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि उनकी गिरफ़्तारी पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी है। प्रियंका ने मंगलवार को एक पत्र जारी कर कहा है कि डीसीपी पीयूष कुमार सिंह ने मौखिक रूप से उन्हें बताया कि 4 अक्टूबर को सुबह 4.30 बजे उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया है। प्रियंका किसानों की मौत के बाद लखीमपुर खीरी जा रही थीं लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया था।
प्रियंका ने कहा है कि जिस वक़्त उन्हें गिरफ़्तार किया गया, उस वक़्त वे सीतापुर जिले में थीं और यह जगह लखीमपुर खीरी जिले की सीमा से 20 किमी. दूर थी। उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी जिले में धारा 144 लगी थी जबकि जहां तक उन्हें जानकारी है, सीतापुर में यह धारा नहीं लगी थी।
प्रियंका ने कहा कि उन्हें दो महिला और दो पुरूष सिपाहियों के साथ सीतापुर के पीएसी कपाउंड ले जाया गया और इसके बाद से 38 घंटे गुजर जाने के बाद भी (5 अक्टूबर शाम 6.30 बजे तक) किसी तरह का कोई कारण या लगी धाराओं के बारे में यूपी पुलिस या प्रशासन ने मुझे नहीं बताया।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की प्रभारी प्रियंका ने कहा, “मुझे किसी तरह का नोटिस नहीं दिया गया है और न ही कोई एफ़आईआर दिखाई गई है। मुझे न तो मजिस्ट्रेट और न ही किसी अन्य न्यायिक अफ़सर के सामने पेश किया गया है। मुझे मेरे वकील से भी नहीं मिलने दिया गया और वह सुबह से गेट पर खड़े हैं।”
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि उन्हें सीतापुर के पीएसी कपाउंड में इस तरह रखा जाना पूरी तरह अवैध है।
प्रियंका ने मंगलवार सुबह ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा था कि क्या उन्होंने उस वीडियो को देखा है, जिसमें एक थार गाड़ी किसानों को रौंदते हुए जा रही है।
उन्होंने कहा था, “इस वीडियो को देखिए और इस देश को बताइए कि इस मंत्री को बर्खास्त क्यों नहीं किया गया है और इस लड़के को अभी तक गिरफ़्तार क्यों नहीं किया गया है।”
राहुल गांधी ने प्रियंका के समर्थन में कहा था, “जिसे हिरासत में रखा है, वो डरती नहीं है- सच्ची कांग्रेसी है, हार नहीं मानेगी! सत्याग्रह रुकेगा नहीं।”
बता दें कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा पर आरोप है कि उन्होंने अपनी कार से कथित रूप से किसानों को रौंद दिया। इस घटना में 8 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 4 किसान भी शामिल हैं।
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