उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव राजभर भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के साथ रहेगी। अखिलेश यादव से बुधवार दोपहर हुई मुलाकात के बाद ओम प्रकाश राजभर ने ट्वीट कर कहा- अबकी बार बीजेपी साफ।
लगभग एक घंटे की मुलाकात के दौरान ओमप्रकाश राजभर ने विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे से लेकर साझा चुनाव प्रचार करने जैसी कई बातों पर सहमति बनाई।
पूर्वांचल की करीब डेढ़ दर्जन सीटों पर सुभासपा के प्रत्याशी एसपी की मदद से चुनाव लड़ेंगे। कुछ सीटों पर राजभर के प्रत्याशी एसपी के सिंबल के साथ भी चुनाव लड़ेंगे। गाजीपुर, मऊ, जौनपुर, देवरिया, बलिया, महाराजगंज और संतकबीरनगर जिलों में एसपी राजभर की पार्टी सुभासपा के लिए सीटें छोड़ेगी।
ओमप्रकाश राजभर के इस एलान के बाद अब साफ हो गया है कि छोटे दलों का भागीदारी संकल्प मोर्चा नाममात्र का रह गया है। इस मोर्चे में शामिल कई दल पहले ही एसपी के साथ आ चुके हैं। जो अभी एसपी के साथ गठबंधन में नहीं आ पाए हैं उन पर भी अब साथ आने का दबाव बढ़ गया है।
मुलाक़ात के बाद किया ट्वीट
कभी हां कभी ना के बीच झूल रहे ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव के साथ मुलाक़ात के तुरंत बाद ट्वीट कर लिखा, अबकी बार, बीजेपी साफ....सुभासपा और एसपी आए साथ। उन्होंने आगे लिखा कि दलितों, अल्पसंख्यकों व पिछड़ों के साथ सभी वर्गों को धोखा देने वाली बीजेपी सरकार के दिन बचे हैं चार।
गौरतलब है कि बीते सप्ताह ही ओमप्रकाश राजभर ने अपने भागीदारी संकल्प मोर्चा के सहयोगियों के साथ बैठक के बाद कहा था कि उनके मुद्दों पर समर्थन देने पर वे किसी के साथ भी जा सकते हैं, यहां तक कि बीजेपी के साथ भी।
पिछले महीने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने राजभर के साथ मुलाकात कर उत्तर प्रदेश का राजनीतिक पारा चढ़ा दिया था। इसके बाद माना जा रहा था कि राजभर एक बार फिर बीजेपी के साथ जा सकते हैं।
27 अक्टूबर को होगी रैली
सुभासपा ने 27 अक्टूबर को पूर्वांचल के मऊ जिले में एक रैली का आयोजन किया है। राजभर ने इस रैली में अपने चुनावी गठबंधन के बारे में एलान करने की बात कही थी। हालांकि अखिलेश के साथ मुलाक़ात के बाद उन्होंने खुद ही गठबंधन के साथी के बारे में खुलासा तो कर दिया है पर इसकी औपचारिक घोषणा मऊ की रैली में होगी।
मऊ की रैली में एसपी प्रमुख अखिलेश यादव का भी जाने का कार्यक्रम बन गया है। सुभासपा के नेताओं का कहना है कि मऊ में होने वाली रैली को अखिलेश यादव भी संबोधित करेंगे और वहीं पर दोनों पार्टियां साथ चुनाव लड़ने का औपचारिक एलान कर देंगी।
राजभर ने कहा है कि उन्होंने एसपी, बीएसपी, कांग्रेस, बीजेपी को निमंत्रण दिया था। अखिलेश यादव ने हमारे निमंत्रण को स्वीकार किया और उनसे 1 घंटे तक बात हुई। 27 तारीख को रैली रखी गई है जिसमें वंचित, दलित अल्पसंख्यक वर्ग के लोग शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि सीटों के बंटवारे पर 27 अक्टूबर के बाद बैठ कर बात कर लेंगे और अगर एसपी एक सीट भी नहीं देगी तो भी हम उसी के साथ रहेंगे।
पूर्वांचल में असरदार हैं राजभर वोट
अति पिछड़ी जाति में शामिल राजभर बिरादरी के वोट पूर्वांचल की कई सीटों पर खासी तादाद में हैं। इनमें देवरिया, बलिया, महाराजगंज, बस्ती, संतकबीरनगर, बहराइच, गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़ और जौनपुर जिले शामिल हैं।
खुद ओमप्रकाश राजभर गाजीपुर जिले की जहूराबाद सीट से विधायक चुने गए थे। बीते विधानसभा चुनावों में राजभर की पार्टी सुभासपा ने बीजेपी के साथ मिल कर चुनाव लड़ा था और आठ सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए थे जिनमें से चार जीते थे।
योगी सरकार में ओमप्रकाश राजभर को कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया था। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर राजभर की बीजेपी से ठन गयी थी। इसके बाद उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर होना पड़ा व गठबंधन टूट गया था।
अन्य छोटे दल भी जुड़ेंगे
सुभासपा का साथ मिलने के बाद भागीदारी संकल्प मोर्चा में शामिल कई अन्य छोटे दल भी एसपी के पाले में आ सकते हैं। मोर्चे में शामिल महान दल, जनवादी क्रांति पार्टी पहले ही एसपी के साथ आ चुकी हैं।
एक और प्रमुख दल शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) की भी बात एसपी के साथ चल रही है। हालांकि सीटों को लेकर बातचीत किसी अंतिम नतीजे पर नहीं पहुंची है लेकिन माना जा रहा है कि देर-सबेर समझौता हो ही जाएगा।
बीएसपी सरकार में मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा भी भागीदारी संकल्प मोर्चा के साथ हैं और एसपी, बीजेपी या बीएसपी के साथ नहीं जाने की बात कह रहे हैं। माना जा रहा है कि पहले भी कई बार साथ मिलकर चुनाव लड़ चुके कुशवाहा का झुकाव कांग्रेस की ओर ज्यादा है।
अपना दल का कृष्णा पटेल वाला धड़ा भी एसपी के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत कर रहा है।
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