रविवार को आनन-फानन में जारी की गई सूची में लंबे समय में आंखें तरेर रहे ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और अनुप्रिया पटेल के अपना दल (सोनेलाल) के लोगों को ख़ासी तरजीह दी गई है। क्षेत्रीय और जातीय संतुलन का ध्यान रखते हुए बीजेपी के कई नए पुराने कार्यकर्ताओं को भी निगमों, परिषदों व आयोगों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्य बनाकर उपकृत कर दिया गया है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी से पींगें बढ़ा रहीं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के कई ख़ास लोगों और विशेषकर कुर्मी समुदाय के लोगों को कुर्सी दी गई है तो ओमप्रकाश राजभर के लोगों का भी लिस्ट में दबदबा दिख रहा है।
ओमप्रकाश राजभर के परिजनों अरविंद राजभर, सुदामा राजभर, पार्टी के प्रवक्ता राणा अजीत सिंह को मंत्री का ओहदा दिया गया है। अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल को लोकसभा चुनाव के बाद कैबिनेट का विस्तार होने पर मंत्री बनाने का वादा कर मना लिया गया है। इसी तरह ओमप्रकाश राजभर को भी विभाग बदलने के नाम पर मनाया गया है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि दोनों इस बात पर राजी भी हो गए हैं।
72 लोगों की सूची में ग़ैर यादव पिछड़ों पर विशेष अनुकंपा की गई है तो ग़ैर जाटव दलितों में वाल्मीकि समाज के सात लोगों को राज्य सफाई कर्मचारी आयोग का सदस्य बनाया गया है।
पूरब से पश्चिम का रखा ध्यान
पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान बीजेपी में शामिल हुए कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव को फ़िल्म विकास परिषद का अध्यक्ष बनाकर लंबे इंतजार का प्रसाद दिया गया है। पार्टी के लिए काफ़ी समय से काम कर रहे कई कलाकारों को प्रयाग स्थित हिन्दुस्तानी अकादमी का सदस्य बनाया गया है। पश्चिम के प्रभावी बीजेपी नेता नवाब सिंह नागर को गन्ना किसान संस्थान का अध्यक्ष तो देवरिया के नीरज शाही को उनके साथ उपाध्यक्ष बनाया गया है।
पुराने नेताओं का भी रखा ध्यान
जगदीश चंद्र मिश्रा उर्फ़ बाल्टी बाबा को यूपी एग्रो का अध्यक्ष, रेखा वर्मा को राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था व प्रो श्यामनंदन सिंह को गौ सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाकर कार्यकर्ताओं की नाराज़गी दूर करने की कोशिश योगी सरकार ने की है।
पूर्वांचल विकास बोर्ड में 13 लोगों को स्थान देकर इस क्षेत्र में सपा-बसपा गठबंधन के प्रभाव को थामने की कवायद की गई है। योगी के चुनाव क्षेत्र गोरखपुर से ही अकेले सात लोगों को मंत्री का ओहदा दिया गया है।
अपनी राय बतायें