क्या आपको पता है कि उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती के लिए हुई एक परीक्षा में ओबीसी-एससी/एसटी श्रेणी का कट ऑफ़ सामान्य श्रेणी के कट ऑफ़ से ऊपर था? यानी, रिजर्वेशन श्रेणी के कैंडिडेटेस को सामान्य श्रेणी के कैंडिडेट्स से अधिक नंबर पर चुना गया।  है न अद्भुत बात! इसके साथ ही योगी आदित्यनाथ सरकार की मंशा पर सवाल उठता है। सवाल यह है कि क्या यह आरक्षण के बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन नहीं है? सवाल यह भी उठता है कि क्या बीजेपी सरकार ने जानबूझ कर आरक्षण में चोरी छिपे सेंध लगाई है?