यूपी में सपा नेताओं को छापे के जरिए टारगेट करने का सिलसिला बढ़ गया। जांच एजेंसियों ने आज चौथे सपा नेता को निशाने पर लिया। यह महत्वपूर्ण है कि तमाम शहरों में अब पैसे से अमीर सपा नेताओं या समर्थकों को निशाना बनाया जा रहा है।
आयकर विभाग और जीएसटी राजस्व शाखा के अफसरों ने आज शाम फर्रुखाबाद में प्रमुख सपा नेता तारिक सेठ के घर, दफ्तर और मिल पर छापे मारे। तारिक सेठ सपा के पुराने नेता हैं। कमालगंज में उनकी फ्लोर मिल है। सरकारी अफसरों ने बताया कि तीन ठिकानों पर छापे मारे जा रहे हैं। इस संबंध में कोई और ब्यौरा देने से उन्होंने मना कर दिया। तारिक सेठ कोई बहुत बड़े कारोबारी नहीं हैं। उनके बिजनेस का सालाना टर्नओवर दस करोड़ है।
सपा प्रवक्ता राजीव राय, सपा नेता मनोज यादव के घर पर छापों से यह सिलसिला शुरू हुआ था। इसके बाद सपा एमएलसी और इत्र कारोबारी पुष्पराज जैन के घर और दफ्तरों पर तीन दिनों तक छापे मारे जाते रहे। फिर मंगलवार को आगरा में सपा समर्थक कुछ जूता व्यापारियों के ठिकानों पर छापे पड़े।
महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि अभी तक आयकर विभाग और जीएसटी इंटेलीजेंस यूनिट ने सपा नेताओं या सपा समर्थक कारोबारियों के यहां मारे गए छापों से बरामद पैसे या सामान के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। जबकि इत्र व्यापारी पीयूष जैन के यहां से बरामद राशि को फौरन बता दिया गया था और बाद में सफाई भी आई कि वो पैसे टैक्स चोरी के नहीं थे। पीयूष जैन को पहले सपा समर्थक कारोबारी बताया गया था। लेकिन सपा ने पल्ला झाड़ लिया और बताया कि पीयूष जैन बीजेपी को चंदा देते हैं, उनका बीजेपी से ही लिंक है।
बाद में सूत्रों ने बताया था कि शायद ये गलत पहचान का मामला है। क्योंकि आयकर और जीएसटी इंटेलीजेस की टीम दरअसल पुष्पराज जैन के यहां छापा मारने गई थी लेकिन वो पीयूष जैन के घर गलती से पहुंच गई और वहां जो कुछ मिला वो अब तक की बरामदगी का इतिहास बन गया है।
फर्रुखाबाद में आज जिस कारोबारी तारिक सेठ के यहां छापे पड़े हैं, वहां अभी भी संदूकें और अलमारियां खंगाली जा रही है। सूत्रों ने बताया कि अभी तक सिवाय कागजों के अलावा कुछ भी नहीं मिला है। इसी तरह आगरा में शू एक्सपोर्टर विजय आहूजा, मानसी चंद्रा और मनु अलघ के कारखानों पर पड़े छापों के बारे में भी कोई जानकारी नहीं दी गई है।
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