खुब्बापुर गांव में जिस मुस्लिम परिवार के बच्चे को स्कूल में थप्पड़ लगवाए गए, अब गांव के लोग और किसान नेता नरेश टिकैत उस परिवार पर समझौते का दबाव बना रहे हैं। परिवार को कहा जा रहा है कि वो टीचर तृप्ता त्यागी के खिलाफ मामले को नहीं बढ़ाए। परिवार अब बेहद डरा हुआ है और बच्चे के भविष्य को लेकर चिंतित है।
किसान नेता नरेश टिकैत ने गांव में एक कथित "शांति बैठक" बुलाई और पिता से "समझौता करने" और एफआईआर को समाप्त कराने के लिए कहा। ये वही नरेश टिकैत है जो कभी महिला पहलवानों को न्याय दिलाने के लिए अचानक हरिद्वार में प्रकट हुए थे और पहलवानों को मेडल गंगा में प्रवाहित करने से रोक दिया था। इसके बाद पहलवानों का मामला आश्चर्यजनक ढंग से ठंडा पड़ता गया।
ये हैं किसान नेता नरेश टिकैत है, इनसे जब पूछा गया की महिला पर FIR हो गई है तो जवाब मिलता है।
— Ashraf Hussain (@AshrafFem) August 27, 2023
“FIR हटवा देंगे हम, इस जिले में इतनी भी नहीं चलती हमारी? दोनों पक्ष बिलकुल संतुष्ट हैं”
महिला पर कार्रवाई होनी चाहिए ये कोई नहीं कह रहा, गज़ब का भाई ‘चारा’ है.🤔 pic.twitter.com/OZ9Wz3jkBx
वीडियो रिकॉर्ड करने वाले लड़के के चाचा ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान आरोप लगाया कि टीचर ने उनके भतीजे और एक अन्य मुस्लिम लड़के को कम से कम एक घंटे तक पीटा। मैं महीनों से उस स्कूल को बनवाने में तृप्ता मैडम की मदद कर रहा हूं। मेरे पास एक जेसीबी है और मैं मजदूर भी लाया हूं। गुरुवार को, मैं किसी काम के बारे में उनसे बात करने गया और देखा कि वह एक लड़के को 'मोहम्मडन' कहकर पीट रही थी। इसके बाद, उन्होंने मेरे भतीजे को बुलाया, तो मैंने वीडियो रिकॉर्ड करने का फैसला किया। मैं यह देखकर हैरान रह गया कि वह अपने हर छात्र को उसे पीटने के लिए बुला रही थी। थप्पड़ और कमर पर मारने से वह रो रहा था। मैंने वीडियो बनाकर एक स्थानीय रिपोर्टर को भेजा।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि तृप्ता को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है क्योंकि एफआईआर में धाराएं जमानती हैं। उन्होंने कहा कि फोरेंसिक टीमें वीडियो का विश्लेषण करेंगी और उसके अनुसार आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
नेहा पब्लिक स्कूल, जिसकी मालिक तृप्ता त्यागी हैं, गाँव का एकमात्र निजी स्कूल है। यह यूपी राज्य बोर्ड के साथ रजिस्टर्ड है और 2019 में मान्यता प्राप्त हुई। फिलहाल, स्कूल में निर्माण कार्य चल रहा है, और तृप्ता अपने घर पर छात्रों को पढ़ा रही है। यह घटना गुरुवार को हुई थी। स्कूल में 50-60 छात्र हैं, जिनमें से लगभग आधे मुस्लिम हैं। कई परिवारों ने कहा कि वे अपने बच्चों को दिए जाने वाले शारीरिक दंड के बारे में जानते हैं।
आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, जिस गांव में यह घटना हुई, वहां 350 से अधिक परिवार हैं और केवल दो स्कूल हैं - एक सरकार द्वारा संचालित और दूसरा तृप्ता त्यागी का नेहा पब्लिक स्कूल। जिले में अन्य स्कूल भी हैं, लेकिन वे गांव से 10-15 किमी दूर स्थित हैं और अपेक्षाकृत अधिक महंगे हैं। इसलिए मुस्लिम परिवार अपने बच्चों को वहां नहीं भेज पाते। उन्हें मजबूरी में नेहा पब्लिक स्कूल में भेजना पड़ता है। अन्य मुस्लिम परिवार को भी स्कूल में उनके बच्चों से हो रहे भेदभाव की जानकारी है लेकिन वे चुप हैं, क्योंकि उनके पास कोई और उपाय नहीं है।
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