नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश में हुए प्रदर्शनों में पुलिस की कार्रवाई पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस पर आरोप लगे हैं कि उसने मुसलिम समुदाय के लोगों को घरों में घुसकर बेरहमी से पीटा है। मुज़फ्फरनगर में भी इस क़ानून के विरोध में 20 दिसंबर को हुए प्रदर्शनों को लेकर पुलिस ने कहा था कि प्रदर्शनकारियों के पास हथियार थे और ये लोग दंगे और आगजनी में शामिल थे।
नागरिकता क़ानून: अभियुक्तों को जानबूझकर फंसा रही यूपी पुलिस?
- उत्तर प्रदेश
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- 23 Jan, 2020
नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश में हुए प्रदर्शनों में पुलिस की कार्रवाई पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं।

पुलिस की ओर से 21 दिसंबर को सुबह 2.30 बजे दर्ज की गई एफ़आईआर में 107 लोगों के नाम हैं। एफ़आईआर में इन सभी पर हत्या के प्रयास का आरोप लगाया है। हालांकि 73 लोगों की गिरफ़्तारी के बाद भी पुलिस की एफ़आईआर में इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि पुलिस ने जो हथियार जब्त किये हैं, वे उसे कब और कहां से मिले और यह किस तरह के हथियार हैं। अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को अदालती कागजातों से यह जानकारी मिली है।