बीएचयू में नियुक्त किए गए संस्कृत के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर फ़िरोज़ ख़ान कुछ छात्रों के लगातार विरोध के बाद कथित तौर पर बीएचयू कैंपस से चले गये हैं। बताया जा रहा है कि सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए वह अपने घर जयपुर के बगरू लौट गए हैं। हालाँकि कुछ छात्र अब फ़िरोज़ के समर्थन में भी उतर आए हैं। एआईएसए, एनएसयूआई और दूसरे ग़ैर दक्षिणपंथी छात्र संगठनों के छात्रों के समूह ज्वाइंट एक्शन कमिटी ने फ़िरोज़ के साथ एकजुटता दिखाने के लिए बीएचयू कैंपस में गुरुवार शाम को मार्च भी निकाला। सोशल मीडिया पर भी फ़िरोज़ को ज़बर्दस्त समर्थन मिल रहा है।
मुसलिम संस्कृत प्रोफ़ेसर: फ़िरोज़ ने छोड़ा बीएचयू कैंपस, कई छात्र समर्थन में
- उत्तर प्रदेश
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- 21 Nov, 2019
बीएचयू में नियुक्त किए गए संस्कृत के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर फ़िरोज़ ख़ान छात्रों के लगातार विरोध के बाद कथित तौर पर बीएचयू कैंपस से चले गये हैं। क्या सुरक्षा कारणों से वह घर लौटे हैं?

बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान यानी एसवीडीवी में संस्कृत के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के रूप में फ़िरोज़ की नियुक्ति के बाद से संस्कृत में एक भी कक्षा नहीं ली जा सकी है। उनकी नियुक्ति के बाद 6 नवंबर को जब फ़िरोज़ पहली कक्षा लेने गए तो कुछ छात्रों ने उनके मुसलिम होने के कारण विरोध शुरू कर दिया। उन्होंने वाइस चांसलर के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। इनके विरोध के बाद बीएचयू प्रशासन ने साफ़ कर दिया था कि फ़िरोज़ की नियुक्ति पूरी तरह नियमानुसार हुई है और वह इस पद के लिए पूरी तरह योग्य हैं। केंद्रीय विश्वविद्यालय के नियमों व निर्देशों और भारतीय संविधान के ख़िलाफ़ इन छात्रों के प्रदर्शन के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हालाँकि, एक रिपोर्ट यह ज़रूर आई थी कि बीएचयू के वाइस चांसलर ने छात्रों से अपना विरोध-प्रदर्शन वापस लेने का आग्रह किया है।