उत्तर प्रदेश पुलिस ने शुक्रवार सुबह बताया कि कुख्यात बदमाश विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर ले जाने के दौरान गाड़ी का एक्सीडेंट होने पर उसने पुलिसकर्मियों से हथियार छीनकर भागने की कोशिश की और गोली चला दी। पुलिस ने कहा है कि इसके जवाब में पुलिस ने भी आत्म सुरक्षा में गोली चलाई और विकास दुबे की गोली लगने से मौत हो गई। इस एनकाउंटर को लेकर देखिए, वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का वीडियो -
1 - मीडिया को पहले ही क्यों रोक दिया गया?
2 - सिर्फ विकास की ही गाड़ी कैसे पलटी?
3 - क्या विकास को हथकड़ी नहीं लगाई गयी थी?
4 - क्या पुलिसकर्मियों से पिस्टल इतनी आसानी से छीनी जा सकती है?
5 - पुलिस ने विकास को घेर कर पकड़ने की कोशिश क्यों नहीं की?
6 - यह एनकाउंटर भी कानपुर के पास ही क्यों हुआ? इससे पहले विकास के साथी प्रभात मिश्रा को जब पुलिस कानपुर ला रही थी, उसमें भी पुलिस ने यही कहा था कि प्रभात ने कानपुर पहुंचते ही भागने की कोशिश की। पुलिस ने प्रभात को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था।
7 - क्या विकास का मध्य प्रदेश में सरेंडर करना एक चाल थी?
8 - जिस अपराधी ने खुद सरेंडर कर दिया हो, वो इतने सारे पुलिसकर्मियों से घिरे होने के बाद आख़िर क्यों भागेगा?
9 - मध्य प्रदेश पुलिस ने विकास दुबे की गिरफ़्तारी क्यों नहीं दिखाई?
10 - विकास दुबे अगर पूछताछ में मुंह खोलता तो क्या बड़े नेता-अफ़सर बेनक़ाब होते?
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