बीएसपी प्रमुख मायावती ने प्रियंका गांधी के 'सीएम चेहरे' वाले बयान के मामले में निशाना साधा है और कहा है कि उन्होंने कुछ ही घंटों में अपना रुख बदल लिया। मायावती ने उत्तर प्रदेश चुनावों में कांग्रेस को वोट काटने वाली पार्टी कहा है।
बीएसपी प्रमुख का यह बयान प्रियंका गांधी के उस सफ़ाई वाले बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि सीएम चेहरे वाली बात उन्होंने चिढ़कर कही थी। प्रियंका गांधी से शुक्रवार को युवा घोषणा पत्र जारी करते वक़्त सवाल पूछा गया था कि क्या कांग्रेस उत्तर प्रदेश में बिना चेहरे के चुनाव लड़ रही है। इस पर प्रियंका ने कहा था कि क्या आपको किसी और का चेहरा कांग्रेस की तरफ़ से दिख रहा है। इसके बाद यह कहा गया था कि अब प्रियंका गांधी ने भी साफ़ कर दिया है कि वही प्रदेश में कांग्रेस का चेहरा हैं।
हालाँकि पार्टी ने इस बारे में कोई औपचारिक एलान नहीं किया। लेकिन इस बयान को लेकर जब मीडिया में चर्चा हुई तो प्रियंका ने शनिवार को इस पर सफाई दी। प्रियंका ने कहा कि उन्होंने यह नहीं कहा कि वही उत्तर प्रदेश में चेहरा हैं और यह बात उन्होंने थोड़ा चिढ़कर कह दी थी क्योंकि बार-बार पत्रकार एक ही सवाल करते हैं।
प्रियंका के इन दो बयानों को लेकर ही बीएसपी प्रमुख मायावती ने रविवार को एक बयान जारी किया है। उन्होंने बयान में कहा कि यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हालत इतनी ज़्यादा ख़राब है कि इनकी सीएम उम्मीदवार ने कुछ घंटों में ही अपना रुख बदल लिया।
1. यूपी विधानसभा आमचुनाव में कांग्रेस पार्टी की हालत इतनी ज़्यादा ख़स्ताहाल बनी हुई है कि इनकी सीएम की उम्मीदवार ने कुछ घण्टों के भीतर ही अपना स्टैण्ड बदल डाला है। ऐसे में बेहतर होगा कि लोग कांग्रेस को वोट देकर अपना वोट ख़राब न करें, बल्कि एकतरफा तौर पर बीएसपी को ही वोट दें।
— Mayawati (@Mayawati) January 23, 2022
बीएसपी प्रमुख ने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'यूपी में कांग्रेस जैसी पार्टियाँ लोगों की नज़र में वोट काटने वाली पार्टियाँ हैं। ऐसे में भाजपा को यूपी की सत्ता से बाहर करके यहाँ सर्वसमाज के हित में व इनके जाने-परखे नेतृत्व वाली सरकार की ज़रूरत है, जिसमें बीएसपी का स्थान वास्तव में नम्बर-1 पर है।'
बता दें कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की कमान प्रियंका गांधी के हाथ में है। प्रियंका ने बीते डेढ़-दो साल में उत्तर प्रदेश में पार्टी को फ्रंट फुट पर लाने की कोशिश की। लेकिन चुनावी सर्वे में उत्तर प्रदेश में न तो कांग्रेस की स्थिति ठीक बताई जा रही है और न ही बीएसपी की। दोनों दल राज्य में संघर्ष करते हुए नज़र आ रहे हैं। कांग्रेस के पास कोई सहयोगी दल भी नहीं है लेकिन युवाओं और महिलाओं को पार्टी ने अच्छी खासी संख्या में टिकट दिए हैं और उसे उम्मीद है कि दोनों तबकों का वोट उसे मिलेगा।
2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ी थी और उसे 7 सीटों पर जीत हासिल हुई थी लेकिन कई विधायकों ने उसका साथ छोड़ा है और अब उसके सामने उत्तर प्रदेश में अपने वजूद को बचाने की चुनौती है। क़रीब-क़रीब ऐसी ही हालत बीएसपी की भी बताई जा रही है।
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