पश्चिमी यूपी में दो चरण के चुनाव हो चुके हैं। 113 विधानसभा क्षेत्रों के लिए हुए मतदान में सपा आरएलडी गठबंधन को बढ़त मिलती हुई दिख रही है। हालांकि कुछ विश्लेषकों का मानना है कि खासकर जाटलैंड में होने वाले, पहले चरण के चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन खराब नहीं है। अगड़ी जातियों के साथ गैर-जाट छोटे समूह वाली जातियों; प्रजापति, नाई, कश्यप, सैनी, वाल्मीकि, कोरी, धोबी आदि का एक हिस्सा बीजेपी को मिला है। सपा आरएलडी गठबंधन और बीजेपी के बीच मुकाबले में बसपा को नजरअंदाज किया जा रहा है। क्या बसपा मुकाबले से एकदम बाहर है?
क्या मायावती वोट कटवा राजनीति कर रही हैं?
- उत्तर प्रदेश
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- 19 Feb, 2022

ऐसा लगता है कि लोग मायावती से राजनीति नहीं बल्कि बीजेपी को हराने के लिए आत्म समर्पण करने की माँग कर रहे हैं। क्या राजनीति में इस तरह की मासूमियत और नैतिकता की कोई गुंजाइश है?
मानीखेज है कि पिछले चुनाव में 22 फ़ीसदी वोट प्राप्त करने वाली बसपा को ज्यादातर विश्लेषण लड़ाई से बाहर मान रहे हैं। प्रतिद्वन्द्वी दल भी इस बात को खूब प्रचारित कर रहे हैं। बावजूद इसके सपा और उसके समर्थक मायावती पर बीजेपी से मिले होने के आरोप लगा रहे हैं। इतना ही नहीं बीजेपी का आईटी सेल भी एक वीडियो प्रचारित कर रहा है, जिसमें मायावती सपा को हराने के लिए बीजेपी का समर्थन करने की बात कर रही हैं।
गौरतलब है, सपा बसपा गठबंधन टूटने के बाद बसपा के कई विधायक सपा में शामिल हो गए थे। इससे नाराज मायावती ने एमएलसी चुनाव के संदर्भ में यह बयान दिया था। बीजेपी के लोग इस आधार पर दलितों को विवेकहीन समझकर यह कह रहे हैं कि मायावती बीजेपी का समर्थन करने के लिए कह रही हैं।
लेखक सामाजिक-राजनीतिक विश्लेषक हैं और लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में असि. प्रोफ़ेसर हैं।