क्या उत्तर प्रदेश में वाकई जंगल राज आ चुका है? यह सवाल इसलिए उठ रहा है कि बीते 24 घंटों में ही कई ज़िलों में ताबड़तोड़ हत्याएं हुयी हैं। जनता आक्रोश में सड़कों पर उतर रही है। कुशीनगर में हत्या कर भाग रहे युवक को भीड़ ने पुलिस की पकड़ में पीट-पीट कर मार डाला। पुलिस ने भी भाग कर जान बचाई तो आज़मगढ़ में अधेड़ को पीट- पीट कर मौत के घाट उतारा गया है।
यूपी में क़ानून व्यवस्था के बुरे हाल, लगातार बढ़ रहे अपराधों पर कांग्रेस, सपा, आम आदमी पार्टी सहित पूरा विपक्ष मैदान में उतर आया है। लखीमपुर पहुंचे आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह को लौटते समय पुलिस ने सीतापुर में हिरासत में ले लिया। कांग्रेस लगातार प्रदेश सरकार पर हमलावर है।
तालिबानी इंसाफ़
कुशीनगर के तरया सुजान थाना क्षेत्र के रामपुर बंगरा गाँव में सोमवार सुबह कुछ बदमाशों नें गोली मार कर एक शिक्षक की हत्या कर दी। मृतक सुधीर नाम का शिक्षक रामपुर बंगरा का ही निवासी था। मौके से भाग रहे बदमाशों में से एक को दौड़ा कर भीड़ ने पकड़ लिया।
पुलिस के पहुँचने और अभियुक्त को अपने कस्टडी में लेने के बाद गुस्साई भीड़ ने उसे पीटना शुरू कर दिया। पुलिस की मौजूदगी में उग्र ग्रामीणों ने बदमाश को पीट-पीट कर मार डाला। उग्र भीड़ के हमले के बाद पुलिस खुद जान बचाकर भागी। बताया जा रहा है कि किसी आपसी विवाद को लेकर बदमाशों ने शिक्षक को गोली मारी थी। भाग रहे एक शूटर को ग्रामीणों ने चारो तरफ से घेरा लिया था, जिसे पुलिस ने हिरासत में लिया।
शव नहीं उठने दिया
लखीमपुर ज़िले में रविवार को निघासन विधानसभा से तीन बार निर्दलीय विधायक रहे निर्वेंद्र कुमार मिश्रा उर्फ मुन्ना का दबंगों से विवाद हो जाने के बाद हुयी मारपीट में मौत हो गयी थी। उनके बेटे संजीव को भी दबंगों ने मारपीट का बुरी तरह से ज़ख्मी कर दिया था। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने बताया कि पूर्व विधायक की मौत चोट से नहीं बल्कि हार्ट अटैक से हुयी। इस घटना से गुस्साई स्थानीय जनता और परिजनों ने विधायक के शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। लोगों की मांग है कि घटना के दोषियों और ज़िम्मेदार पुलिस वालों को गिरफ़्तार किया जाए। घटना के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपनी सरकार में मंत्री रहे अभिषेक मिश्रा को लखीमपुर भेजा है।
नेताओं को हिरासत में लिया
लखीमपुर की घटना पर विरोध जताने और पूर्व विधायक के परिजनों से मिलने पहुंचे आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने पहले तो पोस्टमार्टम हाउस का घेराव किया और पूर्व विधायक के क्षेत्र के पुलिस क्षेत्राधिकारी पर एफ़आईआर दर्ज कराने की मांग की। लौटते समय पुलिस ने 'आप' सांसद को सीतापुर में हिरासत में ले लिया। बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। उधर सपा के राष्ट्रीय महासचिव को अन्य कार्यकर्त्ताओं के साथ पूर्व विधायक के घर जाते समय पुलिस ने रोक लिया। घंटे भर के विरोध के बाद सपा नेता व कार्यकर्त्ताओं को छोड़ा गया। लखीमपुर में चल रहे बवाल की जानकारी मिलने के बाद लखनऊ से कई अन्य दलों के नेता भी रवाना हो गए हैं।
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