बीजेपी के पूर्व सांसद और केंद्रीय गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री रह चुके स्वामी चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली 23 वर्षीय पीड़िता ने कहा है कि उसके पास पूर्व सांसद के कम से कम 35 वीडियो हैं। पीड़िता ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि इन वीडियो के आधार पर उसे इंसाफ़ ज़रूर मिलेगा।
पीड़िता ने ‘द संडे एक्सप्रेस’ से बातचीत में कहा कि जब भी उसे कॉलेज कैंपस में बने चिन्मयानंद के आवास पर मसाज के लिए बुलाया जाता था तो वह ऐसा चश्मा पहनती थी जिसमें ख़ुफ़िया कैमरा लगा होता था। शाहजहाँपुर के स्वामी सुखदेवानंद पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में क़ानून की छात्रा इस पीड़िता ने पिछले महीने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद माँगी थी। स्वामी चिन्मयानंद इस कॉलेज की प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हैं।
‘द संडे एक्सप्रेस’ को पीड़िता ने बताया, ‘इंटरनेट पर ख़ुफ़िया कैमरे लगे पैन, ब्रेसलेट्स और झुमके खोजने के बाद मुझे चश्मा पहनना ठीक लगा। मुझे कमरे में मोबाइल फ़ोन नहीं ले जाने दिया जाता था और मैंने सोचा कि अगर मैं ख़ुफ़िया कैमरा लगा चश्मा पहनूँगी तो किसी को भी शक नहीं होगा।’
हाल ही में पीड़िता ने कहा था कि ख़ुफ़िया कैमरे वाला वह चश्मा उसके हॉस्टल रूम में रखे उसके पर्स से किसी ने चुरा लिया है। लेकिन पीड़िता के पिता ने शनिवार को कहा कि उनकी बेटी ने रिकॉर्ड किये गये वीडियो को सेव कर लिया था और उन्होंने 30 से ज़्यादा वीडियो क्लिप्स को पुलिस को सौंप दिया है।
पीड़िता ने ‘द संडे एक्सप्रेस’ को बताया कि चिन्मयानंद और उसके आदमी उस पर नज़र बनाये रखते थे और उसे कॉलेज के दूसरे छात्रों से बात नहीं करने दी जाती थी।
पीड़िता ने ख़ुलासा करते हुए अख़बार से कहा कि उसके अलावा एक अंडरग्रेजुएट लॉ स्टूडेंट और एक पुरुष टीचर को भी नियमित तौर पर मालिश करने के लिए पूर्व सांसद के आवास पर बुलाया जाता था।
प्रिंसिपल ने चिन्मयानंद से मिलने को कहा
पीड़िता ने ‘द संडे एक्सप्रेस’ को बताया कि जब वह स्नातक की छात्रा थी उस दौरान वह चिन्मयानंद के बारे में बहुत ज़्यादा नहीं जानती थी। पीड़िता ने कहा, ‘स्नातक के बाद मैंने एलएलएम में एडमिशन लेने के बारे में सोचा। लेकिन फ़ीस जमा करने का समय लगभग ख़त्म हो चुका था तो प्रिसिंपल ने मुझसे कहा कि तुम्हें चेयरमैन (चिन्मयानंद) से मिलना चाहिए और वह शायद तुम्हारी मदद कर सकते हैं।’
पीड़िता ने अख़बार से कहा कि उसे कॉलेज में सीट मिलने का भरोसा दिया गया था लेकिन अचानक उसे कॉलेज की ओर से फ़ोन आने लगे और कहा गया कि वह कॉलेज लाइब्रेरी में काम करना शुरू करे। पीड़िता ने ‘द संडे एक्सप्रेस’ से कहा, ‘शुरुआत में मैंने इससे मना कर दिया लेकिन मुझे बताया गया कि यह मेरे लिए और कॉलेज के लिए बेहतर होगा क्योंकि कॉलेज को लाइब्रेरी के लिए स्टाफ़ खोजना मुश्किल हो रहा है।’
पीड़िता ने कहा कि उसका काम देर में शुरू होता था और तब उसे कॉलेज के ही हॉस्टल में रहने का सुझाव दिया गया। लेकिन कॉलेज के प्रिंसिपल ने इस बात से इनकार किया है और कहा है कि पीड़िता ने ख़ुद ही लाइब्रेरी में नौकरी देने और हॉस्टल में रहने की अनुमति देने का अनुरोध किया था।
पीड़िता ने अख़बार के साथ बातचीत में दावा किया कि हॉस्टल में रहने के कुछ समय बाद उसे पता चला कि वहाँ वार्डन नहीं है। पीड़िता ने कहा, ‘मुझे पता नहीं चला कि पिछले साल अक्टूबर में नहाने के दौरान मेरा पहला वीडियो कब बना लिया गया। इसके बाद मुझे ब्लैकमेल किया गया और कहा गया कि मुझे चिन्मयानंद के आवास पर जाना होगा, जहाँ मेरे साथ बलात्कार किया गया और इसका भी वीडियो बना लिया गया।’
पीड़िता ने कहा, ‘मुझे धमकी दी गई कि इन वीडियो को सार्वजनिक कर दिया जायेगा और एक साल तक मेरा उत्पीड़न किया गया। तब मैंने फ़ैसला किया कि बस, अब बहुत हो चुका।’
‘पूरा कॉलेज जानता था’
पीड़िता ने अख़बार से आगे कहा, ‘एक आदमी मेरे कमरे के बाहर मुझे ले जाने के लिए खड़ा रहता था और इस बात का पूरे कॉलेज को पता था कि यह क्या हो रहा है। मुझसे बात करने की किसी की हिम्मत नहीं थी और मैं इतना साहस नहीं जुटा सकी कि बोल सकूँ। लेकिन फिर मैंने फ़ैसला किया कि मुझे ही कुछ करना होगा और मैंने ख़ुफ़िया कैमरों के बारे में सर्च करना शुरू किया।
पीड़िता ने कहा कि उन्होंने उसे बर्बाद करने के लिए ख़ुफ़िया वीडियो का इस्तेमाल किया था और फिर उसने फ़ैसला लिया कि वह भी यही करेगी।
पीड़िता ने बताया कि उसने इस साल की शुरुआत में यह चश्मा ऑनलाइन मंगवाया। मामले की जाँच के लिए बनी एसआईटी ने 13 सितंबर को पीड़िता के कमरे की जाँच की थी और चश्मे को मंगवाने का सबूत माँगा था। इस पर पीड़िता ने कहा है कि वह जल्द ही उन्हें सबूत दे देगी।
पीड़िता ने ‘द संडे एक्सप्रेस’ से कहा कि जब उसके पास पर्याप्त सबूत इकट्ठा हो गए तो उसने वहाँ से भागने का फ़ैसला किया। उसके बाद ही उसने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर किया और चिन्मयानंद की करतूतों के बारे में बताया। पीड़िता को यूपी पुलिस ने राजस्थान से बरामद किया था।
पीड़िता ने कहा कि उसने कॉलेज के अधिकारियों को बताया कि वह एक दिन के लिए अपने घर जा रही है लेकिन वहाँ से वह कुछ दोस्तों की मदद से दिल्ली चली गई। पीड़िता ने कहा कि इस दौरान वह अपने परिजनों के संपर्क में भी थी। उसने कहा कि वह जानती थी कि कोई उसकी एफ़आईआर दर्ज नहीं करेगा और सब उसी पर शक करेंगे इसलिए उसने वह वीडियो फ़ेसबुक पर अपलोड किया था।
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