आरक्षण को लेकर ताने और गालियों से इतना प्रताड़िता किया गया कि एक ग्राम विकास अधिकारी ने आत्महत्या कर ली। उनके पास से एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें उन्होंने आरक्षण के नाम पर बार-बार प्रताड़ित किए जाने और गालियाँ दिए जाने का आरोप लगाया है। यह मामला लखीमपुर खीरी ज़िले के विकासखंड कुंभी में तैनात ग्राम विकास अधिकारी त्रिवेंद्र कुमार से जुड़ा है। वह छाउच्छ के शिवसागर कॉलोनी में रहते थे। उन्होंने इस नोट में किसान यूनियन अध्यक्ष, प्रधान सहित कई लोगों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।
यह काफ़ी गंभीर मामला है कि आरक्षण के नाम पर किसी को इस हद तक प्रताड़ित किया जाए कि वह आत्महत्या कर ले। हर रोज़ ऐसी प्रताड़ना की ख़बरें आती रहती हैं जिसमें आरक्षित वर्ग से आने वाले को ताना दिया जाता है। सोशल मीडिया पर तो ऐसे मैसेजों की बाढ़ आई हुई दिखती है। अक्सर ऐसा जातिगत मामलों में भी देखा जाता है। ख़ासकर दलितों के साथ।
देश भर से ऐसी ख़बरें आती रहती हैं जिसमें जातिगत गालियाँ दी गई हों। कई ऐसे मामले आए हैं जिनमें आरक्षित वर्ग से लोग जब शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ते हैं तो उन्हें हर क़दम पर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसा ही मामला हैदराबाद के विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले दलित छात्र रोहित वेमुला के साथ हुआ था। उनको इतना प्रताड़ित किया गया था कि उन्होंने आत्महत्या कर ली थी। इस पर देश भर में ख़ूब हंगामा हुआ। सरकार की भी इस मामले में किरकिरी हुई थी। दलित चिंतक आरोप लगाते रहे हैं और ऐसी कई रिपोर्टें भी आती रही हैं कि दलित समाज के लोगों को आगे बढ़ने पर सामंती मानसिकता के लोग इसे स्वीकार नहीं कर पाते हैं। ऐसी स्थिति में ताने देना और प्रताड़ित करना आम बात हो जाती है। लखीमपुर में ग्राम विकास अधिकारी ने सुसाइड नोट में जो आरोप लगाए हैं उसमें भी कुछ ऐसा ही मामला जान पड़ता है।
क्या है सुसाइड नोट में?
'पत्रिका' की रिपोर्ट के अनुसार, शिवसागर कॉलोनी में अपने भाई के साथ रह रहे त्रिवेंद्र कुमार गुरुवार सुबह अपने कमरे में पंखे से लटके हुए मिले। पुलिस ने शव को नीचे उतरवाया। मौक़े पर ही सुसाइड नोट मिला। इसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि किसान यूनियन नेता, रसूलपुर प्रधान और देवरिया प्रधान का बेटा प्रताड़ित करते हैं।
उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा, 'मैं परेशान हूँ। ये लोग मुझे ग़लत गालियाँ और आरक्षण के विरुद्ध बोलते हैं। जिस कारण मैं अपनी ज़िंदगी से परेशान हो गया हूँ...। वहाँ ब्लॉक पर मेरा मज़ाक बनाया जाता है। अगर मुझे कुछ होता है तो उसका ज़िम्मेदार सिर्फ किसान यूनियन पार्टी अध्यक्ष, रसूलपुर प्रधान, देवरिया प्रधान पुत्र ही है। मुझे दिमागी रूप से ये पार्टी और प्रधान प्रताड़ित करते हैं।
Trivendra Kumar, a Dalit village development officer (VDO) in UP's Lakhimpur district committed suicide after he was allegedly being taunted and harassed for being selected through reservation. A video of deceased Kumar being insulted at farmer's meet has also surfaced. pic.twitter.com/5iNnrFQJSS
— Kanwardeep singh (@KanwardeepsTOI) September 5, 2019
आठ लोगों पर एफ़आईआर
‘एनबीटी’ की रिपोर्ट के अनुसार, मऊ में रहने वाले मृतक के पिता कोमल प्रसाद की रिपोर्ट पर 8 लोगों के ख़िलाफ़ लखीमपुर में एफ़आईआर दर्ज की गई है। अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार, आरोपियों में अध्यक्ष किसान यूनियन राकेश सिंह चौहान, तहसील अध्यक्ष महेश चंद्र वर्मा, मीडिया प्रभारी विकास शुक्ल, सेक्टर प्रभारी अनिल स्वामी, ब्लॉक अध्यक्ष राम सिंह वर्मा, प्रदेश अध्यक्ष कार्यवाहक प्रदीप शुक्ला श्यामू (किसान यूनियन के पदाधिकारी), देवरिया ग्राम पंचायत के प्रधान पुत्र हरदेव सिंह, रसूलपुर ग्राम पंचायत के प्रधान पति जुबेर अहमद शामिल हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, ग्राम विकास अधिकारी संघ के अध्यक्ष विजय कुमार शर्मा और मंत्री सौरभ प्रकाश सिंह के नेतृत्व में ज़िले भर के 500 से अधिक ग्राम विकास व ग्राम पंचायत अधिकारियों ने आरोपियों की गिरफ़्तारी की माँग को लेकर प्रदर्शन किया।
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