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लखीमपुर खीरी : वरुण गांधी ने योगी को लिखी चिट्ठी, सीबीआई जाँच की माँग की

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हिंसा और उसमें किसानों की मौत का विरोध सत्तारूढ़ बीजेपी के अंदर भी हो रहा है।

बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक चिट्ठी लिख कर इस पूरे मामले की सीबीआई जाँच कराने की माँग की है।

उन्होंने इसके साथ ही यह भी मांग है कि इस कांड में हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।

इस बीजेपी सांसद ने ने योगी आदित्यनाथ को लिख खत में पीड़ित परिवारों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की माँग भी की है। 

वरुण ने किसानों को 'शहीद' बताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। वरुण बीते कई रोज से किसान मुद्दों को लेकर बीजेपी सरकार को घेरते आए हैं। इससे पहले उन्होंने किसान महापंचायत को लेकर हमदर्दी जताई थी और गन्ना मूल्य बढ़ाने की माँग की थी।

lakhimpur kheri famrmers killing :varun gandhi writes to yogi adityanath - Satya Hindi
वरुण गांधी ने लिखा है, "लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे किसानों को कुचलने की घटना हृदय विदारक है। इस घटना से एक दिन पहले ही देश ने अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की जयंती मनाई थी। अन्नदाताओं की जिस घटनाक्रम में हत्या की गई वह अक्षम्य है।"
बीजेपी सांसद ने अपनी ही पार्टी के मुख्यमंत्री से माँग की है कि इस कांड में हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने लिखा है, "इस घटना में शामिल संदिग्धों को तत्काल चिह्नित कर आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का मुकदमा कायम कर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।"
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क्या है मामला?

बता दें कि रविवार को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में चार किसान समेत आठ लोग मारे गए हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष पर आरोप है कि उन्होंने प्रदर्शनकारी किसानों पर अपनी गाड़ी चढ़ा दी और कई लोगों को रौंद दिया। 

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे के ख़िलाफ़ हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है। उनके ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर में कई दूसरे लोगों के भी नाम हैं। 

लेकिन गृह राज्य मंत्री ने मौके पर अपने बेटे की मौजूदगी से इनकार किया है। उन्होंने कहा है कि वारदात के समय उस जगह न तो वे खुद थे न ही उनका बेटा था।

उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके ड्राइवर को पीट-पीट कर मार डाला गया है। 

अजय मिश्रा ने कहा, "वो, मैं या मेरे परिवार का कोई भी सदस्य उस वक़्त वहाँ मौजूद ही नहीं था।"

उन्होंने इसके आगे कहा, "जब हम कार्यक्रम स्थल से थोड़ी दूर थे तो हमारा रूट यह बता कर बदल दिया गया कि कुछ किसान वहाँ पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और काला झंडा दिखाने की कोशिश करेंगे। उसके बाद हमारे कार्यकर्ता चार पाँच गाड़ियों से हमें लेने आ रहे थे। उन कार्यकर्ताओं पर किसानों के बीच शामिल अराजक तत्वों ने पथराव किया। इसकी वजह से वो गाड़ियाँ रुकीं।"

अजय मिश्रा ने यह भी कहा है कि यदि उनका बेटा उस समय वहां रहा होता तो जिंदा नहीं बचता। उपद्रवियों ने लाठी-डंडों और तलवारों से हमला कर दिया था। 

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क़मर वहीद नक़वी
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