कानपुर में लैब टेक्नीशियन संजीत यादव के अपहरण और हत्या के मामले में सवालों के घेरे में आए पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई हुई है। आईपीएस अफ़सर अपर्णा गुप्ता, तत्कालीन डिप्टी एसपी मनोज गुप्ता, एक इंस्पेक्टर और धानाधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही फिरौती के पैसे की जाँच का आदेश दिया गया है।
लैब टेक्नीशियन को अगवा कर फिरौती माँगी गई थी। पकड़ने में पुलिस टीम जुटी रही। एक महीना हो गया। कथित तौर पर फिरौती के 30 लाख रुपये भी दिए गए। पुलिस उन्हें पकड़ नहीं पाई। टेक्नीशियन के परिवार वालों ने ये आरोप लगाए। आरोप है कि अगवा करने वाले आए और पुलिस से बचते-बचाते 30 लाख रुपये लेकर भाग गए। बिल्कुल फ़िल्मी अंदीज़ में। और अब पुलिस ने कहा है कि अगवा करने वालों ने टेक्नीशियन की हत्या कर दी है। हालाँकि शव बरामद नहीं हुआ है।
अगवा और फिरौती का यह मामला एक महीने से ज़्यादा समय से चल रहा है। कानपुर में एक निजी लैब में टेक्नीशियन का काम करने वाले संजीत यादव का पिछले महीने अपहरण हुआ था। परिवार वालों ने एक हफ़्ते पहले ही आरोप लगाया था कि पुलिसकर्मियों की एक टीम 30 लाख रुपये फिरौती लेने आए अगवा करने वालों को पकड़ नहीं पाई थी और वे रुपये लेकर भाग गए थे।
संजीत के परिवार वालों का आरोप है कि जब अपहरणकर्ताओं ने फिरौती माँगी उसके बाद से पुलिस वाले हमेशा उनके साथ रहे। 'एनडीटीवी' की रिपोर्ट के अनुसार परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस की टीम द्वारा उन्हें कहा गया कि वे फिरौती की रक़म 30 लाख रुपये की व्यवस्था करें और अपहरणकर्ताओं को दे दें। परिवार का कहना है कि उन्होंने 13 जुलाई को फिरौती की रक़म अपहरणकर्ताओं को दे दी, लेकिन भारी संख्या में पुलिस के मौजूद रहने के बावजूद वे रुपये लेकर भाग गए।
संजीत की बहन ने पिछले हफ़्ते पत्रकारों से कहा था कि फिरौती के लिए 15 फ़ोन कॉल आई। उन्होंने आरोप लगाया, 'एक पुलिस टीम हर समय हमारे साथ थी। अपहरणकर्ताओं ने फिरौती लेने से पहले फ़ोन पर मेरे पिता से 30 मिनट तक बात की। उसने मेरे पिता को एक फ्लाईओवर के ऊपर से नीचे की सड़क पर रुपये वाले बैग को फेंकने को कहा। क्या पुलिस को यह सब अनुमान नहीं था?' उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले ही आईपीएस अधिकारी अपर्णा गुप्ता से मुलाक़ात की थी और कहा था कि फिरौती के रुपये वाले बैग को अच्छी तरह से ट्रैक किया जाए और उन्होंने उनको इसका आश्वासन दिया था।
सोशल मीडिया पर भी उनके परिवार के बयान को पोस्ट किया जा रहा है। कांग्रेस नेता प्रियंका गाँधी ने ट्वीट कर योगी सरकार पर निशाना साधा है।
...पुलिस ने किडनैपर्स को पैसे भी दिलवाए और अब उनकी हत्या कर दी गई।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 24, 2020
एक नया गुंडाराज आया है।
इस जंगलराज में कानून-व्यवस्था गुंडों के सामने सरेंडर कर चुकी है। 2/2
अब इस मामले में थानाधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। हालाँकि पुलिस ने फिर दोहराया है कि अपहरणकर्ताओं को कोई पैसा नहीं दिया गया था। परिवार ने बाद में कहा कि उन पर यह कहने के लिए 'दबाव' डाला गया था कि 'उनसे कोई पैसा नहीं लिया गया था'।
अब इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई की है। गुरुवार को पुलिस ने कहा कि इसने कुछ लोगों को अपहरण और हत्या के मामले में गिरफ़्तार किया है। पुलिस के अनुसार, आरोपी संजीत के 'दोस्त' और 'पूर्व सहकर्मी' हैं।
कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी ने गुरुवार को कहा, '23 जून को संजीत यादव के परिवार द्वारा एक गुमशुदगी दर्ज की गई। यह 26 जून को एफ़आईआर में बदल गई। तीन दिन बाद परिवार को फिरौती की कॉल मिली। क्राइम ब्रांच की एक विशेष टीम और अन्य अधिकारी मामले को देख रहे थे। कुछ लोगों को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था; वे संजीत के दोस्त थे और पहले उनके साथ काम कर चुके थे। संदेह है कि उन्होंने 26 या 27 जून को उनकी हत्या कर दी।'
बता दें कि पुलिस की यह कार्रवाई तब हो रही है जब पिछले हफ्ते उनके परिवार द्वारा कानपुर पुलिस प्रमुख दिनेश कुमार पी के कार्यालय के बाहर दो घंटे के धरने के बाद जाँच का आदेश दिया गया था।
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