अयोध्या में सरयू नदी में 28 साल में कितना पानी बह गया, इसका अंदाज़ा तो नहीं लगाया जा सकता, लेकिन नदी में अक्सर कुछ कंकर–पत्थर नीचे रह जाते हैं और वे कभी नहीं जाते ज़मीन छोड़कर, नदी में उतरने वालों के पाँव तले चुभते हैं, महसूस होते हैं। कुछ को तकलीफ़ देते हैं तो कुछ को गुदगुदी का अहसास कराते हैं, लेकिन साथ नहीं छोड़ते। अयोध्या में बाबरी मसजिद ढाँचा का गिरना भी वैसा ही कुछ है।