यूपी के वरिष्ठ सपा नेता
और पूर्व मंत्री आज़म खान ने अपनी हत्या
की आशंका जताई है।आजम यूपी में हो रहे
निकाय चुनाव के लिए रामपुर में पार्टी के प्रत्याशी का प्रचार कर रहे थे। इस दौरान
उन्होंने कहा कि अतीक और अशरफ की तरह उनकी भी हत्या की जा सकती है।
अतीक अहमद और उसके भाई की
पुलिस कस्टडी में हुई हत्या के बाद प्रदेश में डर का माहौल है। इस मामले में अदालत
ने भी योगी सरकार से रिपोर्ट माँगी है।
चुनाव प्रचार के लिए
निकले आजम खान आज ने कहा, 'आप मुझसे और मेरे
बच्चों से क्या चाहते हैं? क्या आप चाहते
हैं कि कोई आए और हमारे सिर में गोली मार दे? बस इतना ही रह गया है। निजाम-ए-हिंद बचाओ, कानून बचाओ,
कुछ चढ़ाना नहीं है, बस हौसला रखना है। जहां भी आपको रोका जाए, वहीं बैठ जाएं और पीछे हटने के बजाय आगे बढ़ने
की कोशिश करें।" बीमारी से जूझ रहे आजम खान लंबे समय के बाद यूपी में आगामी
निकाय चुनावों के प्रचार के लिए मंच पर आए थे।
ताजा ख़बरें
वोट डालना हमारा
जन्मसिद्ध अधिकार है, और हम अपना वोट
डालेंगे। लेकिन अब तो वह भी हमसे छीना जा
रहा है। अगर इसे तीसरी बार छीना जाता है, तो आपको सांस लेने का अधिकार भी नहीं होगा।
आजम खान ने यह बात रामपुर
नगरपालिका के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ रही समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार
फातिमा जबी के लिए प्रचार के दौरान कहीं। उन्होंने उत्तर प्रदेश और केंद्र दोनों
में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला करते हुए उन्हें "राजनीतिक
नपुंसक" कहा।
प्रचार के दौरान आजम खान
केवल इतने पर ही नहीं रुके और कहा, 'जो लोग आज कह रहे हैं कि नगरपालिका ठेके पर है, उन्होंने पूरे देश को ठेके पर रख दिया है, लाल किला बेच दिया, हवाई अड्डे बेच दिए, बंदरगाह बेच दिए, रेलवे बेच दिया, क्या बचा है?
केवल सेना बची है। यह हुकुमत-ए-हिंद के साथ है,
यह रहना चाहिए। हमारी सेना और सरकार की सेना दो
अलग-अलग चीजें हैं। हमारी सेना आपकी है और हमने इस सेना को हर कोने में लड़ते हुए
देखा है और जीत हासिल की है।
उत्तर प्रदेश से और खबरें
भारत के वज़ीर-ए-आज़म
(प्रधानमंत्री) ने 150 करोड़ लोगों के हिंदुस्तान
में आपकी रामपुर विधानसभा सीट का उल्लेख किया है, यह आपकी हैसियत है। आपसे इतना डर है, और यह डर किसी जाति का नहीं है, न मेरे मंत्री होने का है, न ही मेरे सांसद या विधायक होने का है, बल्कि यह हमारी एकता और हमारे द्वारा साझा किए
गए विश्वास का डर है। जो कुछ भी हुआ,
मैं विधानसभा का सदस्य
रहूं या न रहूं, एक व्यक्ति जो
अपनी कम उम्र में है, उसकी विधायिका को
दो बार समाप्त कर दिया गया, मेरे और
अब्दुल्ला (उनके बेटे) के वोट देने के अधिकार को समाप्त कर दिया गया।
आजम खान को 2022 में रामपुर सदर सीट से विधायक चुने गए थे।
राज्य विधानसभा सचिवालय ने अक्टूबर में खान को विधानसभा की सदस्यता से फ़ौरन
अयोग्य घोषित कर दिया था। क्योंकि भड़काऊ भाषण के एक मामले में अदालत ने उन्हें
तीन साल जेल की सजा सुनाई थी। 2019 के लोकसभा चुनाव
के दौरान मिलक कोतवाली क्षेत्र के खाते नगरिया गांव में एक जनसभा को संबोधित करते
हुए भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा था।
अपनी राय बतायें