कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में कुख़्यात बदमाश विकास दुबे के हाथों हलाक हुए पुलिस के सीओ देवेंद्र मिश्रा ने वारदात से तीन महीने पहले ही खत लिखकर अपराधी के कारनामों और महकमे की मिलीभगत को लेकर चेतावनी दी थी।
दिवंगत सीओ ने कानपुर के एसएसपी को पत्र लिखकर साफ कहा था कि चौबेपुर के थाना अध्यक्ष विनय तिवारी का मिलना-जुलना विकास दुबे से है और उनकी शह से यह अपराधी आतंक फैला रहा है। लेकिन सीओ के इस पत्र को नजरअंदाज कर दिया गया।
तिवारी पर पहले क्यों नहीं हुई कार्रवाई
कानपुर के एसएसपी, शहीद सीओ और सवालों के घेरे में आए थाना अध्यक्ष विनय तिवारी के बीच हुई कांफ्रेंस कॉल का भी ऑडियो वायरल हो रहा है, जिससे यह साफ है कि तिवारी अपने सीओ को अंधेरे में रखता था और अपराधी को थाने से छोड़ देता था। अब आठ पुलिस कर्मियों के शहीद होने की इतनी बड़ी वारदात के बाद थाना अध्यक्ष विनय तिवारी को निलंबित कर पूछताछ की जा रही है।
बिकरू गांव में विकास को पकड़ने के लिए दी गयी दबिश में भी थाना अध्यक्ष चौबेपुर विनय तिवारी सबसे पीछे थे और उन्हें खरोंच तक नहीं आयी है।
सवाल यह भी उठ रहा है कि लगातार शिकायतों, लिखित रिपोर्ट भेजने के बाद विवादास्पद थाना अध्यक्ष पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गयी। किसकी शह पर चौबेपुर थाना अध्यक्ष की तैनाती हुई और तमाम सवालों, विकास दुबे को संरक्षण की शिकायतों के बाद भी उन्हें हटाया क्यों नहीं गया।
विकास दुबे के राजनेताओं से संबंधों को दर्शाती तसवीरें पूरे प्रदेश व देश भर में सोशल मीडिया में घूम रही हैं। विकास का 2017 का एक वीडियो भी खासा वायरल हो रहा है जिसमें वह खुद के ऊपर बीजेपी नेताओं का हाथ बता रहा है। यह वीडियो तब का है जब एसटीएफ ने 2017 में उसे राजधानी के कृष्णानगर में नाजायज असलहों के साथ गिरफ्तार किया था।
विकास ने बीते दो दशक में बीजेपी, बीएसपी और एसपी से यारी गांठी थी। हर सरकार में उसके नेताओं से मधुर संबंध रहे हैं।
अब तक सुराग नहीं, गाड़ियां बरामद
जघन्य हत्याकांड के बाद विकास दुबे को पकड़ने का अभियान चला रही पुलिस के हाथ अभी तक कोई सुराग नहीं लगा है। सोमवार की सुबह विकास दुबे के साथी जय वाजपेयी को पुलिस ने हिरासत में लिया है। जय वाजपेयी के आवास से 3 लग्जरी गाड़ियां बरामद की गयी हैं। बरामद ऑडी, फार्च्यूनर समेत तीनों गाड़ियों पर नम्बर नहीं है।
हत्याकांड में मारे गए सीओ, बिल्हौर देवेन्द्र मिश्रा ने इसी साल 14 मार्च को एसएसपी, कानपुर को लिखित रिपोर्ट भेजी थी। इसमें उन्होंने लिखा था कि अपराधी विकास दुबे के बचाव में निलंबित एसओ विनय तिवारी कुछ भी करने को तैयार था।
देवेन्द्र मिश्रा ने अपनी रिपोर्ट में विकास दुबे और एसओ, चौबेपुर विनय तिवारी की जुगलबन्दी का ख़ुलासा किया था। हालांकि सीओ की रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। रिपोर्ट में लिखा था कि विनय तिवारी गैंगस्टर का संरक्षक बन कर थानेदारी कर रहा था।
वायरल रिपोर्ट पर आईजी, कानपुर मोहित अग्रवाल ने कहा है कि मामले की जांच कराई जा रही है। आईजी ने एसएसपी ऑफ़िस से वह रिपोर्ट मांगी है। दूसरी ओर, शहीद डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा की बेटी वैष्णवी ने सीबीआई जांच की माँग की है और कहा है कि साज़िश रचने वाले पकड़े जाने चाहिए। वैष्णवी ने रिपोर्ट को लेकर कहा है कि पापा के दिये सबूत सही निकले हैं।
सोमवार को वायरल हुए ऑडियो में भी थाना अध्यक्ष की करतूतें सामने आई हैं और साफ हुआ है कि उसकी दिवंगत सीओ से बनती नहीं थी। ऑडियो में शहीद सीओ को एसएसपी से विनय तिवारी की शिकायत करते और तिवारी को सफाई देते सुना जा सकता है।
अब ढाई लाख ईनाम
सोमवार सुबह प्रदेश सरकार ने डिप्टी एसपी समेत 8 जवानों को शहीद करने वाले विकास दुबे पर ईनाम की राशि बढ़ा कर ढाई लाख रुपये कर दी है। कानपुर पुलिस ने ईनामी राशि बढ़ाने के लिए डीजीपी को प्रस्ताव भेजा था। इसके बाद डीजीपी हितेश चन्द्र अवस्थी ने यह फ़ैसला लिया है।
बिकरू गांव में विकास दुबे का घर जमींदोज करने के बाद राजधानी लखनऊ के कृष्णानगर इलाके में मौजूद उसके घर को गिराने की तैयारी की जा रही है। लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने पड़ताल में पाया है कि घर का नक्शा अवैध है और कुछ जमीन को कब्जा कर बनाया गया है। बिकरू गांव में घर गिराने को लेकर उठे सवाल के बाद लखनऊ में कानूनी प्रक्रिया पूरी कर बुलडोजर चलाया जाएगा।
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