हाथरस गैंगरेप और हत्या मामले में एक साल बाद भी पीड़ित परिवार का क्या दर्द कम हुआ? पीड़ित परिवार का रोज़गार ख़त्म हो गया। गाँव में उनसे कोई बात नहीं करता। वे डरे हुए हैं। आरोप लगाते हैं कि अदालत में पेशी पर जाने पर उनका पीछा किया जाता है। सीसीटीवी कैमरे हर समय उनके घर पर नज़र रखते हैं। सीआरपीएफ़ के क़रीब 35 जवान पहरा देते हैं। पीड़ित परिवार कहता है कि न्याय मिलने तक अपनी पीड़ित बेटी की अस्थियों का अंतिम संस्कार नहीं करेगा।