हाथरस गैंगरेप और हत्या मामले में एक साल बाद भी पीड़ित परिवार का क्या दर्द कम हुआ? पीड़ित परिवार का रोज़गार ख़त्म हो गया। गाँव में उनसे कोई बात नहीं करता। वे डरे हुए हैं। आरोप लगाते हैं कि अदालत में पेशी पर जाने पर उनका पीछा किया जाता है। सीसीटीवी कैमरे हर समय उनके घर पर नज़र रखते हैं। सीआरपीएफ़ के क़रीब 35 जवान पहरा देते हैं। पीड़ित परिवार कहता है कि न्याय मिलने तक अपनी पीड़ित बेटी की अस्थियों का अंतिम संस्कार नहीं करेगा।
हाथरस गैंगरेप पीड़िता का परिवार क्यों कहता है कि दम घुटता है यहाँ?
- उत्तर प्रदेश
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- 15 Sep, 2021
हाथरस गैंगरेप और हत्या की घटना को एक साल हो गया। इस एक साल में क्या पीड़ित परिवार को न्याय मिला? पीड़ित परिवा किस दर्द से गुजर रहा है?

हाथरस का यह वही मामला है जिसमें पिछले साल 14 सितंबर को कथित तौर पर 19 साल की एक युवती का गैंगरेप हुआ था। उसको गंभीर चोटें आई थीं। उसकी जीभ काट लिए जाने की ख़बर आई थी। आख़िर में 11 दिन बाद दिल्ली के एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई। पुलिस ने परिवार वालों की ग़ैर मौजूदगी में रातोरात उसका अंतिम संस्कार कर दिया था। घर वाले तड़पते रहे कि उन्हें कम से कम चेहरा दिखा दिए जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया था। इसके बाद देश भर में उत्तर प्रदेश पुलिस की किरकिरी हुई।