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सोरम में मारपीट की घटना के बाद किसानों ने शाहपुर थाने का घेराव किया।

संजीव बालियान का विरोध; खापों से बीजेपी को झटका!

अपने ही संसदीय क्षेत्र (मुज़फ्फरनगर) सौरम गाँव में आज अपराह्न केंद्रीय मत्स्य एवं पशुपालन राजयमंत्री संजीव बालियान के साथ गए लोगों द्वारा स्थानीय ग्रामीणों के साथ की गयी भीषण मारपीट के बाद समूचे क्षेत्र में गहरा तनाव फैल गया है। घटना के 5 घंटे बाद तक स्थानीय ग्रामीणों की बहुत बड़ी भीड़ शाहपुर थाना घेर कर बैठी रही। भीड़ मांग कर रही थी कि ‘केंद्रीय मंत्री और उनके साथ गए गुंडों को गिरफ्तार किया जाए।’ अंत में पुलिस की इस घोषणा के बाद कि ग्रामीणों की एफ़आईआर दर्ज कर ली गयी है, भीड़ छँटी और वरिष्ठ अधिकारीगण इन किसानों के नेताओं के साथ वार्ता में जुट गए।

ग़ौरतलब है कि 'खाप पंचायत' की सामाजिक सियासत में सौरम एक ऐसा ऐतिहासिक स्थल है जो प्राचीन राजा हर्षवर्धन द्वारा स्थापित खाप पंचायतों के समय से मुख्यालय के रूप में स्थापित है। आज भी यह 4 प्रदेशों (पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब) की सर्वखाप पंचायत का मुख्यालय है। राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि सौरम में होने वाली हिंसा का अर्थ है केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और बीजेपी के विरुद्ध बहुत दूर तक संदेश जाना। बालियान सन 2014 से लोकसभा में इस क्षेत्र का ही प्रतिनिधित्व करते हैं।

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हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गयी पार्टी के जाट नेताओं की बैठक में उन्हें अपने समुदाय में जाकर कृषि क़ानूनों के बारे में प्रचार अभियान शुरू करने का निर्देश दिया गया था। सभी जाट नेताओं ने यद्यपि अपने नेता के सामने ऐसा करने का वायदा किया था लेकिन जाटों के बीच जिस तरह से किसान आंदोलन के पक्ष में सद्भावना का दरिया बह रहा है, उसके चलते किसी अन्य नेता की अभी तक हिम्मत नहीं हो पायी। विगत रविवार को केंद्रीय पशुपालन मंत्री संजीव बालियान ने अपने संसदीय क्षेत्र में मोर्चा खोलने की कोशिश की। 
सबसे पहले वह लिसाड़ गाँव पहुँचे। यहाँ खाप के चौधरी बापा हरकिशन मालिक के यहाँ डेरा डालने का प्रयास किया। मालिक ने उन्हें फटकारते हुए कहा- ‘खड़ा हो ले। जाके पैले अस्तीफा दे।’ 
इसके बाद बड़े पैमाने पर 'किसान एकता ज़िंदाबाद' और संजीव बालियान मुर्दाबाद के नारे लगने शुरू हो गए। बालियान वहाँ से उठ लिए। इसके बाद लिलौन और भैंसवाल गाँवों में भी उन्हें भीड़ के ज़बरदस्त विरोध के चलते गाँव छोड़ना पड़ा।
आज अपराह्न बालियान राजपाल चौधरी के यहाँ तेरहवीं संस्कार में भाग लेने सौरम गाँव पहुँचे। चश्मदीदों के अनुसार कल की घटना से सबक़ लेकर वह आज अपने साथ कुछ 'मसलमैन' भी ले गए थे। यहाँ कुछ देर बैठकर वह पूर्व ग्राम प्रधान सुधीर चौधरी के यहाँ पहुँचे। जैसे ही वह पूर्व प्रधान के यहाँ पहुँचे, लोग जमा होने शुरू हो गए और उनकी मुर्दाबादी के नारे लगने लगे। माहौल गर्माता देख कर उनके साथ गए मसलमैनों ने लाठियाँ भजनी शुरू कर दीं जिसमें 4 लोग घायल हुए। भीड़ इकट्ठी होते देख मंत्री जी वहाँ से निकल लिए। जाते-जाते उनके लोग एक घायल को भी अपने साथ ले गए और गाँव के बाहर खेतों में फेंक गए।
farmers protest as minister sanjeev baliyan visits muzaffarnagar soram  - Satya Hindi
हमले में घायल स्थानीय लोग।
इस घटना के बाद आसपास के गाँवों से बड़े पैमाने पर लोग पंचायत घर में जुटने लगे। जब वहाँ मौजूद लोगों की तादाद बहुत बड़ी हो गयी तो भीड़ सम्बंधित थाना शाहपुर पहुँच गयी और उसने थाना घेर लिया। लगभग पाँच घंटे बाद पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज किये जाने की सूचना से भीड़ को अवगत कराया। मुज़फ्फरनगर के पूर्व सांसद हरेंद्र मालिक, (जो थाने पर एकत्रित भीड़ के प्रमुख नेताओं में थे) का कहना है कि पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज कर ली है। और आश्वासन दिया है कि समूचे मामले की जाँच करेंगे। ‘सत्य हिंदी’ से बातचीत में उन्होंने कहा कि ‘हमने अधिकारियों से कह दिया है कि हमलोग 26 फ़रवरी तक कार्रवाई और परिणामों की प्रतीक्षा करेंगे नहीं तो दोबारा थाना घेरा जायेगा।’
farmers protest as minister sanjeev baliyan visits muzaffarnagar soram  - Satya Hindi

सौरम का स्थान खाप पंचायतों में 'मक्का मदीना' सरीखा है। वहाँ जाकर हमला करना और लोगों को ज़ख़्मी कर देने की घटना की मंत्री और बीजेपी विरोध में दूरगामी प्रतिक्रिया होना स्वाभाविक है।

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अनिल शुक्ल
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