प्रियंका पूर्वांचल की प्रभारी हैं, लेकिन अपना पहला बयान उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मसले पर दिया, जिसके प्रभारी सिंधिया हैं। यानी संकेत यह है कि उनका दायरा केवल वहीं तक सीमित नहीं हैं, जहाँ की वह प्रभारी बनाई गई हैं।
कांग्रेस की नवनियुक्त महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा का यह बयान उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में ज़हरीली शराब पीने से 100 लोगों की मौत के मामले में आया है।
महासचिव बनाए जाने के क़रीब 2 हफ़्ते बाद जारी अपने पहले आधिकारिक बयान में प्रियंका ने इस बात पर हैरानी जताई कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की बीजेपी की सरकारों की सरपरस्ती में अवैध शराब का इतना बड़ा धंधा चल रहा है।
हालाँकि प्रियंका गाँधी ने उम्मीद जताई है कि बीजेपी की सरकार इस मामले में अपराधियों के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई करेंगी और ज़हरीली शराब पीने से अपनी जान गवाँ चुके लोगों के परिवार वालों के लिए उचित मुआवजा देंगी।
सिंधिया की जगह प्रियंका ने क्यों दिया बयान?
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में हुई घटना पर प्रियंका गाँधी ने आधिकारिक रूप से बयान जारी करके साबित कर दिया है कि वह राष्ट्रीय राजनीति करने के लिए ही पार्टी में शामिल हुई हैं। उनकी राजनीति का दायरा किसी खास क्षेत्र तक सीमित नहीं है। ग़ौरतलब है कि प्रियंका गाँधी को राहुल गाँधी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी महासचिव बनाया है। जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं।
- कांग्रेस में इस बात का बड़ा महत्व है कि महासचिवों को अपने प्रभार वाले राज्यों के मामलों में ही बयान देने की इजाज़त होती है। राष्ट्रीय मुद्दों की बात अलग है। इस लिहाज़ से देखा जाए तो इस मामले पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान आना चाहिए था। लेकिन प्रियंका गाँधी ने बयान देने में पहल करके साबित कर दिया है कि पार्टी में राहुल गाँधी के बाद वह ख़ुद ही लीड रोल में रहेंगी।
संतुलित है बयान की भाषा
प्रियंका गाँधी के इस पहले बयान की भाषा काफ़ी संतुलित और संयमित है। इस बयान में प्रियंका गाँधी ने बीजेपी पर हमला बोलने से ज़्यादा इस बात को रेखांकित किया है कि इस घटना से वह व्यक्तिगत रूप से बेहद दुखी हैं। ज़हरीली शराब पीने से मरने वालों के परिवार वालों के प्रति उन्होंने गहरी संवेदना जताई है। इस घटना के लिए सीधे-सीधे बीजेपी को ज़िम्मेदार ठहराने के बजाय प्रियंका ने बड़ी चालाकी से यह बात लिखी है, 'दिल दहला देने वाली इस घटना की जितनी निंदा की जाए कम है। उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश सरकार की सरपरस्ती में अवैध शराब का इतना बड़ा कारोबार संचालित होता है यह कल्पना भी नहीं की जा सकती।'
- अपने बयान की शुरुआत प्रियंका ने इस घटना पर गहरा दुख जताकर की। वह कहती हैं, 'मैं यह जानकर स्तब्ध और बेहद दुखी हूँ कि ज़हरीली शराब से उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, कुशीनगर और कई गाँवों में 100 से ज़्यादा लोगों की मृत्यु हो चुकी है और मरने वालों का सिलसिला लगातार जारी है।'
लखनऊ रैली में उठेगा यह मुद्दा
सोमवार को लखनऊ में होने वाली कांग्रेस की रैली में यह मुद्दा जोर शोर से उठ सकता है। ग़ौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी उत्तर प्रदेश के दोनों नवनियुक्त महासचिवों ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रियंका गाँधी के साथ लखनऊ में पहली रैली कर रहे हैं। इस रैली के दौरान ज़हरीली शराब से हुई मौत के मुद्दे पर बीजेपी की योगी सरकार पर कांग्रेस की तरफ़ से ज़ोरदार हमला बोला जा सकता है।
प्रियंका गाँधी के इस बयान से इस तरह के संकेत मिलते हैं कि वह रैली में इसके लिए योगी सरकार को निश्चित तौर पर कटघरे में खड़ा करेंगी। राहुल गाँधी, प्रियंका गाँधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ लखनऊ एयरपोर्ट से प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय तक रोड शो करते हुए जाएँगे। इस रोड शो का मक़सद उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की ताक़त का एहसास कराना है। लिहाज़ा इस बात की पूरी संभावना है कि ज़हरीली शराब पीने से हुई सौ लोगों की मौत के मुद्दे को उठाने में कांग्रेस कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
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