उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में एक दलित नाबालिग लड़की की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, लड़की की लाश आसफपुर रेलवे स्टेशन के नजदीक मिली थी। नाबालिग लड़की जिले के फैजगंज बैहटा थाने के एक गांव की रहने वाली थी और आसफपुर रेलवे स्टेशन गई थी। इसके बाद उसका कुछ पता नहीं चला और काफी खोजबीन करने के बाद पुलिस को उसकी लाश मिली।
बदायूं के एसएसपी ओपी सिंह ने बताया कि बालिका से दुष्कर्म और हत्या की घटना में त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त जितेंद्र यादव को गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने बताया कि अभियुक्त ने पूछताछ में अपना जुर्म कुबूल कर लिया है।
बता दें कि कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में दो नाबालिग दलित बहनों के साथ बलात्कार कर उनके शवों को पेड़ से लटका दिया गया था। पुलिस ने इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी और 6 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था।
विपक्षी दलों ने दलितों के साथ अत्याचार की बढ़ती वारदातों को लेकर योगी सरकार पर हमला बोला है।
बदायूं पुलिस ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि इस प्रकरण के संबंध में तत्काल परिजनों की तहरीर के आधार पर उचित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। साथ ही डॉक्टरों के पैनल से वीडियोग्राफी करते हुए पोस्टमार्टम कराया गया है।
पुलिस के मुताबिक परिजनों की स्वेच्छा से शव का अंतिम संस्कार किया गया है। पुलिस ने कहा है कि बिना तथ्यों के आधार पर अफवाह फैलाने की कोशिश ना करें।
दैनिक जागरण के स्थानीय संस्करण के मुताबिक, आसफपुर रेलवे स्टेशन के आसपास के दुकानदारों ने बताया कि लड़की को रात 9 बजे तक देखा गया था और इस दौरान वहां पहुंचे कुछ पुलिसकर्मियों ने उससे कहा था कि रात हो गई है अब वह घर चले जाए। इसके बाद लड़की का पता नहीं चला। पुलिस को घटनास्थल से बीयर की कैन, पानी की बोतलें भी मिली हैं।
अखबार के मुताबिक, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में लड़की के माथे, चेहरे और सीने के अलावा अन्य जगहों पर भी चोट के निशान मिले हैं।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने कहा है कि प्रदेश में एक भी ऐसा दिन नहीं बीतता, जिस रोज़ अख़बार की सुर्खियों में किसी महिला की चीख न छपती हो। लखीमपुर की घटना को दो दिन भी नहीं हुए थे कि बदायूं में भी एक बेटी दरिंदो का शिकार बन गयी। कांग्रेस ने कहा है कि ऐसी डरावनी घटनाओं के साये में ही पूरा प्रदेश जी रहा है लेकिन,सत्ता मौन साधे बैठी है।
दलितों के खिलाफ बढ़ते अपराध
उत्तर प्रदेश के साथ ही मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड में भी दलितों के खिलाफ अत्याचार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक दलित किशोरी जब बलात्कार की शिकायत दर्ज कराने पुलिस थाने गयी तो उसे रात भर थाने में रखा गया और पीटा गया।
इस महीने की शुरुआत में उत्तराखंड में एक दलित युवक की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी गई थी क्योंकि उसने ऊंची जाति की एक महिला के साथ विवाह किया था। अल्मोड़ा जिले के पनुवाधौखन निवासी जगदीश चंद्र की हत्या के बाद दलित संगठनों ने प्रदर्शन किया था। जगदीश चंद्र ने 21 अगस्त को स्थानीय मंदिर में युवती से शादी की थी। शादी के बाद से ही जगदीश को उनकी पत्नी के सौतेले पिता जोगा सिंह और सौतेले भाई गोविंद सिंह जान से मारने की धमकी दे रहे थे।
अगस्त महीने में राजस्थान के जालौर में दलित छात्र इंद्र कुमार मेघवाल को छैल सिंह नाम के एक शिक्षक ने सिर्फ इसलिए पीटा था क्योंकि उस बच्चे ने शिक्षक के मटके से पानी पी लिया था। बच्चे की उम्र सिर्फ 9 साल थी। यह मटका कथित तौर पर शिक्षक के पानी पीने के लिए अलग से रखा गया था। बच्चे की मौत हो गई थी।
इस तरह की तमाम घटनाएं आए दिन देश भर के कई इलाकों से सुनने को मिलती हैं।
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