उत्तर प्रदेश के औरैया में नाबालिग दलित छात्र की मौत के बाद जबरदस्त बवाल हुआ है। परिजनों के मुताबिक़, नाबालिग छात्र की मौत स्कूल के शिक्षक की पिटाई से हुई है। छात्र की मौत से भड़के लोगों ने सोमवार शाम को औरैया में प्रदर्शन किया और पुलिस के वाहनों में भी आग लगा दी।
आरोपी शिक्षक के खिलाफ आईपीसी की तमाम धाराओं और एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। वह फरार है और पुलिस उसकी गिरफ्तारी में जुटी है।
औरैया की पुलिस अधीक्षक चारू निगम ने बताया कि दलित छात्र स्थानीय आदर्श इंटर कॉलेज में दसवीं का छात्र था। स्थानीय निवासी राजू सिंह दोहरे ने पुलिस को शिकायत दी थी कि 7 सितंबर, 2022 को स्कूल के सामाजिक विज्ञान के शिक्षक अश्विनी सिंह के द्वारा परीक्षा में गलत उत्तर लिखने की वजह से उनके बेटे निखित दोहरे को मारा-पीटा गया और इस वजह से उसकी तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद से ही वह अपने बेटे का इलाज करा रहे थे। छात्र की उम्र 15 साल थी।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपी शिक्षक ने इलाज के लिए पैसे भी दिए थे और तब पीड़ित परिजनों ने थाने में कोई सूचना नहीं दी थी। लेकिन कुछ दिनों के बाद जब शिक्षक ने फोन उठाना बंद कर दिया तो पीड़ित के परिजनों ने 24 सितंबर को पुलिस थाने में घटना की सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया।
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, औरैया के सीओ महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि शिक्षक ने पीड़ित परिवार से वादा किया था कि वह छात्र के इलाज का पूरा खर्च उठाएगा लेकिन उसने सिर्फ 40000 रुपए दिए और जब पीड़ित परिजनों ने शिक्षक से इलाज के लिए बाकी पैसे देने की मांग की तो आरोप है कि शिक्षक ने उन्हें जातिसूचक गालियां दी।
पीड़ित परिजन छात्र को इलाज के लिए लखनऊ के एक अस्पताल में ले गए और इटावा में भी उसकी कई तरह की जांच कराई गई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
परिजनों ने पुलिस को बताया कि छात्र की तबीयत बिगड़ने के बाद रविवार रात को उसे सैफई के एक अस्पताल में ले जाया गया, जहां सोमवार सुबह उसकी मौत हो गई। जबकि सैफई के अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि लड़के को जब अस्पताल में लाया गया था तो उसकी मौत हो चुकी थी।
स्कूल के प्रिंसिपल का बयान
इस बारे में स्कूल के प्रिंसिपल ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि आरोपी शिक्षक पिछले 20 दिनों से छुट्टी पर था और उसने सोमवार को ही स्कूल में फिर से नौकरी ज्वाइन की थी। उन्होंने बताया कि शिक्षक ने गलत उत्तर लिखने के लिए दो छात्रों को पीटा था और इसमें से एक दलित छात्र भी था। पिटाई की घटना के 4 दिन बाद छात्र के पिता स्कूल आए और उनकी शिक्षक के साथ बहस हुई।
प्रिंसिपल के मुताबिक़, छात्र के पिता ने बताया था कि उनके बेटे को किडनी से जुड़ी परेशानी है और शिक्षक से आर्थिक मदद करने के लिए कहा था।
औरैया के सीओ महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि शुरुआती जांच में पता चला है कि छात्र को किडनी की बीमारी थी और लखनऊ के एक अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। हालांकि उन्होंने कहा कि छात्र की बीमारी और इलाज के संबंध में परिजनों और अस्पताल से ज्यादा जानकारी लेनी होगी।
पुलिस टीम पर पथराव
दलित छात्र की मौत की खबर के बाद सोमवार शाम को औरैया में स्थानीय लोग भड़क गए और उन्होंने पुलिस की 2 गाड़ियों और दो निजी वाहनों में तोड़फोड़ की। प्रदर्शनकारियों ने शव के साथ प्रदर्शन भी किया और नारेबाजी की। उन्होंने पुलिस टीम पर पथराव भी किया। हालात को देखते हुए कानपुर से भी कई वरिष्ठ अफसरों को मौके पर भेजा गया है।
दलितों के खिलाफ बढ़ते अपराध
उत्तर प्रदेश के साथ ही मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड में भी दलितों के खिलाफ अत्याचार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक दलित किशोरी जब बलात्कार की शिकायत दर्ज कराने पुलिस थाने गयी तो उसे रात भर थाने में रखा गया और पीटा गया।
इस महीने की शुरुआत में उत्तराखंड में एक दलित युवक की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी गई थी क्योंकि उसने ऊंची जाति की एक महिला के साथ विवाह किया था। अल्मोड़ा जिले के पनुवाधौखन निवासी जगदीश चंद्र की हत्या के बाद दलित संगठनों ने प्रदर्शन किया था। जगदीश चंद्र ने 21 अगस्त को स्थानीय मंदिर में युवती से शादी की थी। शादी के बाद से ही जगदीश को उनकी पत्नी के सौतेले पिता जोगा सिंह और सौतेले भाई गोविंद सिंह जान से मारने की धमकी दे रहे थे।
जालौर का मामला
अगस्त में राजस्थान के जालौर में दलित छात्र इंद्र कुमार मेघवाल को छैल सिंह नाम के एक शिक्षक ने सिर्फ इसलिए पीटा था क्योंकि उस बच्चे ने शिक्षक के मटके से पानी पी लिया था। बच्चे की उम्र सिर्फ 9 साल थी। यह मटका कथित तौर पर शिक्षक के पानी पीने के लिए अलग से रखा गया था। बच्चे की मौत हो गई थी।
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