दलितों के प्रति समाज के कुछ लोगों की हैवानियत ख़त्म होती नहीं दिखती। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में एक दलित शख़्स को घेरकर व पीट-पीटकर सिर्फ़ एक अफ़वाह के कारण मार दिया गया। अफ़वाह यह थी कि उसने अपनी बेटी को बेच दिया है। जबकि उसने बेटी को नोएडा में रहने वाले एक रिश्तेदार के वहां भेज दिया था लेकिन कुछ दबंगों ने इसे बेचने की बात समझकर ग़रीब पिता पर अपनी हैवानियत दिखा दी।
इस शख़्स का नाम सर्वेश दिवाकर था। सर्वेश को पीटे जाने का एक वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियो में कुछ लोग छत पर ले जाकर उस पर लातें बरसा रहे हैं। ख़बरों के मुताबिक़, सर्वेश को जमकर पीटने के बाद उसे अधमरा कर रास्ते में छोड़ दिया गया और वह घंटों तक वहीं पड़ा रहा। कोई शख़्स उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया। पता चलने पर पुलिस ने सर्वेश को जिला अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन पिटाई के कारण बुरी तरह घायल होने की वजह से सोमवार सुबह उसने दम तोड़ दिया।
45 साल के सर्वेश फ़िरोज़ाबाद जिले के सिरसागंज के रहने वाले थे और कचौड़ी का ठेला लगाते थे। वह अपनी 16 साल की बेटी के साथ मैनपुरी में एक किराए के मकान में रहते थे। उनकी बेटी आस-पास के घरों में चौका-बर्तन करती थी। लॉकडाउन के बाद दिवाकर की आर्थिक स्थिति बेहद ख़राब हो गई थी। इसलिए उन्होंने अपनी बेटी को नोएडा में रहने वाले एक रिश्तेदार के वहां भेज दिया था।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक़, लेकिन कुछ पड़ोसियों ने ये अफ़वाह उड़ानी शुरू कर दी कि दिवाकर ने अपनी बेटी को बेच दिया है। इसके बाद लोगों ने उन्हें पीटना शुरू कर दिया और अधमरा करके सड़क पर छोड़ दिया।
पुलिस ने कहा है कि वीडियो के आधार पर 4 अभियुक्तों को हिरासत में ले लिया गया है और एक व्यक्ति की तलाश जारी है। पुलिस के मुताबिक़, अभियुक्तों के किसी दल या संगठन का कार्यकर्ता होने की बात सामने नहीं आई है। पुलिस ने कहा कि आईपीसी की धारा 302 और एससी/एसटी एक्ट के तरह एफ़आईआर दर्ज कर ली गई है और तहरीर के आधार पर कठोर कार्रवाई की जा रही है।
अखिलेश का इशारा किस ओर?
भले ही पुलिस कह रही हो कि इस हत्या के अभियुक्तों के किसी दल या संगठन का कार्यकर्ता होने की बात सामने नहीं आई है लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ट्वीट कुछ और इशारा करता है। अखिलेश ने ट्वीट कर कहा, ‘मैनपुरी में सत्ताधारी दल की छत्रछाया में पनप रहे एक अनुषांगिक संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा, आत्मनिर्भर होने के लिए कचौड़ी का ठेला लगाने वाले दलित युवक की मार-मार कर हत्या करने की ख़बर आई है।’
समाजवादी पार्टी ने कहा है कि वह सर्वेश के परिवार को 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी। पार्टी ने राज्य सरकार से दलित परिवार को 10 लाख रुपये देने की मांग की है। पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी प्रमुख मायावती ने सर्वेश की हत्या पर दुख जताया है।
उत्तर प्रदेश में अंतहीन होते दिख रहे अपराधों की कड़ी में हर दिन कोई न कोई वीभत्स जुर्म जुड़ता जाता है। राज्य में बेहतर क़ानून व्यवस्था होने के योगी सरकार के तमाम दावों के बीच उत्तर प्रदेश में बलात्कार, अपहरण, हत्या की वारदात अब लगभग हर दिन सुनने को मिलती है।
उत्तर प्रदेश में जंगल राज?
क्या उत्तर प्रदेश में वाकई जंगल राज आ चुका है? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि दो-तीन के भीतर ही कई ज़िलों में ताबड़तोड़ हत्याएं हुई हैं। कुशीनगर में हत्या कर भाग रहे युवक को भीड़ ने पुलिस के सामने पीट-पीट कर मार डाला तो आज़मगढ़ में अधेड़ को पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया गया।
रविवार को लखीमपुर में ज़मीन विवाद में पूर्व विधायक निर्वेंद्र मिश्रा मुन्ना को पीट-पीटकर मार डाला गया था। छिटपुट हिंसा की दर्जनों वारदातें कई जिलों में लगातार हो रही हैं।
बीते कुछ दिनों से बलात्कार की घटनाओं को लेकर चर्चा में रहे लखीमपुर खीरी जिले में हाल ही में 3 साल की बच्ची से बलात्कार और फिर उसकी हत्या कर देने की घटना सामने आई है। इस जिले में बलात्कार और फिर हत्या कर देने की 20 दिनों में यह तीसरी घटना है।
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