किसान महापंचायतों के जरिये उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को चुनावी लड़ाई लड़ने लायक बनाने में जुटीं राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी मंगलवार को मथुरा में मोदी सरकार पर ख़ूब बरसीं। पालीखेड़ा में आयोजित किसान महापंचायत में प्रियंका ने कहा कि नरेंद्र मोदी एक अहंकारी प्रधानमंत्री ही नहीं एक कायर प्रधानमंत्री भी हैं।
उन्होंने कवि रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियों- “जब नाश मनुष्य पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है”, को दोहराया और कहा कि इस सरकार का विवेक मर गया है। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण इस सरकार और प्रधानमंत्री का अहंकार भी तोड़ेंगे।
प्रियंका ने मौनी अमावस्या के मौक़े पर गंगा स्नान किया था तो आज वह बांके बिहारी मंदिर गईं और भगवान कृष्ण के दर्शन किए। यह कांग्रेस का सॉफ़्ट हिंदुत्व है जिस पर राहुल और प्रियंका बीते कुछ सालों से चल रहे हैं।
प्रियंका ने कहा कि गौशालाओं का बुरा हाल है और किसान आवारा पशुओं से बुरी तरह प्रताड़ित है। कृषि क़ानूनों की चर्चा करते हुए प्रियंका ने कहा कि ये क़ानून नोटों की खेती करने वालों ने बनाए हैं और अरबपतियों के लिए बने हैं।
‘गोवर्धन पर्वत न बेच दे सरकार’
उत्तर प्रदेश में पार्टी की प्रभारी का दायित्व संभाल रहीं प्रियंका ने लोगों से कहा कि आप गोवर्धन पर्वत को संभाल कर रखिए कहीं ये सरकार इसे ही न बेच दे। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पोती ने कहा कि मोदी सरकार ने खरबपति मित्रों का लाखों करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया है लेकिन किसानों का एक भी पैसा कर्ज माफ नहीं किया।
प्रियंका ने किसान आंदोलन को देखते हुए ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ‘जय जवान जय किसान’ अभियान की शुरुआत की है। 27 जिलों में चलने वाले इस अभियान की शुरुआत उन्होंने 10 फरवरी को सहारनपुर से की थी। इसके बाद वह बिजनौर भी गईं और किसानों की महापंचायत में मोदी सरकार पर हमले किए थे।
फ़ैसला बदले सरकार
प्रियंका ने कहा कि जैसे ही मोदी सरकार के फैसलों पर सवाल उठते हैं, वह एकदम पीछे हट जाती है, जिम्मेदारी नहीं लेती और पिछली सरकारों को दोषी ठहराती है और यही कायरता है। उन्होंने कहा कि जनता को अगर सरकार का फ़ैसला पसंद नहीं है तो वह उसे बदले।
मौक़ा नहीं गंवाना चाहतीं प्रियंका
प्रियंका जानती हैं कि किसान आंदोलन के कारण उबल रहे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मिले इस सियासी मौक़े को किसी भी सूरत में गंवाना नहीं है। 2022 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस को प्रियंका के ही नेतृत्व में लड़ना है। प्रियंका की पूरी कोशिश है कि अगले विधानसभा चुनाव तक पार्टी को मजबूत विपक्षी दल के रूप में खड़ा कर दिया जाए।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जिस तरह बीजेपी के नेताओं का विरोध हो रहा है, वह तो उसे भारी पड़ेगा ही, राष्ट्रीय लोकदल, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की सक्रियता भी यहां उसके राजनीतिक आधार को कमजोर करेगी। बहरहाल, प्रियंका आने वाले दिनों में कई और किसान महापंचायतों में जाएंगी और उम्मीद है कि इससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए ऊर्जा मिलेगी।
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