बृजभूषण शरण सिंह के बेटे और बीजेपी उम्मीदवार करण भूषण सिंह के काफिले की एक फॉर्च्यूनर कार ने दो लोगों को कुचल डाला। दोनों की मौत हो गई। इन दोनों में से एक 17 साल का किशोर था।
यह घटना उत्तर प्रदेश के गोंडा में बुधवार को घटी। बृजभूषण शरण सिंह के बेटे करण भूषण सिंह कैसरगंज लोकसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार हैं। यहाँ पाँचवें चरण में मतदान हो चुका है। इन्हीं के काफिले में शामिल एक टोयोटा फॉर्च्यूनर एसयूवी ने बुधवार को बाइक सवार दो युवकों को टक्कर मार दी।
पुलिस ने बताया कि मृतकों की पहचान शहजाद खान (24) और रेहान खान (19) के रूप में हुई है। दोनों स्थानीय निवासी हैं। पुलिस ने एसयूवी को जब्त कर लिया है और उसके चालक लवकुश श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर लिया है।
गोंडा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राधेश्याम राय ने कहा कि वे घटना के क्रम को समझने के लिए ड्राइवर का बयान दर्ज कर रहे हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कोई और जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया। एक अन्य पुलिस अधिकारी के अनुसार, प्रारंभिक जांच में पता चला है कि घटना बुधवार की सुबह तब हुई जब करण सिंह का काफिला कर्नलगंज से गुज़र रहा था। काफिले में चार गाड़ियाँ शामिल थीं। तीन गाड़ियाँ रेलवे क्रॉसिंग पार कर चुकी थीं, जबकि दुर्घटना में शामिल चौथा वाहन ट्रेन के गुजरने के कारण पीछे रह गया।
दुर्घटना के बाद एसयूवी चालक कथित तौर पर वाहन को छोड़कर मौके से भाग गया। स्थानीय लोगों ने घायल मोटरसाइकिल सवारों और बुजुर्ग महिला को पास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। स्थानीय लोगों ने कार्रवाई की मांग करते हुए अस्पताल में विरोध प्रदर्शन किया। अंग्रेजी अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने कहा कि वाहन एक शैक्षणिक संस्थान में पंजीकृत है, और वे इसके मालिक की पहचान करने की प्रक्रिया में हैं।
जानिए, बृजभूषण सिंह कौन
बता दें कि बीजेपी ने इस पर बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काट दिया। महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न के आरोप को लेकर इसके लिए पार्टी पर भारी दबाव था। लेकिन इसके साथ ही बीजेपी ने बृजभूषण के बेटे करण भूषण सिंह को टिकट दे दिया। बीजेपी के लिए यह बड़ी परीक्षा इसलिए भी थी कि बृजभूषण शरण सिंह का केस कोई सामान्य मामला नहीं है। करीब एक दशक तक भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण पर छह महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया जैसे शीर्ष भारतीय पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर भारी विरोध प्रदर्शन किया।
बृजभूषण शरण सिंह खुद कुश्ती के अखाड़े में हाथ आजमा चुके हैं। कुश्ती से निकले तो राजनीति के अखाड़े में कूदे हैं। पहले समाजवादी पार्टी में थे और अब बीजेपी में हैं। कभी खुद उम्मीदवार के रूप में उतरे तो कभी उम्मीदवार के रूप में अपनी पत्नी को उतारा।
कहा जाता है कि पहलवान रहे बृजभूषण शरण सिंह राम जन्मभूमि आंदोलन के माध्यम से राजनीति में आये। बाबरी मस्जिद विध्वंस में उनपर मुक़दमा भी हुआ। कहा जाता है कि बीजेपी को उत्तर प्रदेश में बृजभूषण शरण सिंह की ज़्यादा ज़रूरत है। उनकी अपने मूल गोंडा के आसपास के कम से कम आधा दर्जन जिलों में जबरदस्त पकड़ है।
अपनी राय बतायें