यूपी में रामपुर और आजमगढ़ में लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी ने जीत का परचम लहराया है। दोनों सीटों पर समाजवादी पार्टी ही नहीं, उसके कद्दावर नेता आजम खान को भी झटका लगा है। सपा दोनों उपचुनाव हार गई है। रामपुर में बीजेपी प्रत्याशी घनश्याम लोधी ने 40,000 से अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज की। उन्होंने आजम खान के खास आसिम रजा को हराया। आजमगढ़ में बीजेपी के दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने 10,000 वोटों से सपा को हराया है। रामपुर के अलावा आजमगढ़ में आजम खान ने काफी प्रचार किया था, जबकि अखिलेश दोनों जगह प्रचार करने नहीं गए थे।
बीजेपी ने रविवार को घोषित रामपुर लोकसभा उपचुनाव में 40,000 से अधिक मतों से जीत हासिल की और आजमगढ़ में भी उसे जीत हासिल हुई है।
दोनों सीटें अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी का गढ़ रही हैं। जहां पूर्व मुख्यमंत्री के राज्य विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद आजमगढ़ सीट खाली हुई थी, वहीं रामपुर सीट को पार्टी के सबसे बड़े मुस्लिम नेता आजम खान ने खाली किया था।
आजमगढ़ में, मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के उम्मीदवार शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने 2 लाख से अधिक वोट हासिल किए। ये वोट बीजेपी और सपा उम्मीदवारों को मिले वोटों के बहुत करीब हैं। बीएसपी के इस मजबूत प्रदर्शन का समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव पर काफी असर पड़ा। आजमगढ़ में सपा की हार के लिए मुख्यरूप से बीएसपी का मुस्लिम प्रत्याशी जिम्मेदार है, जिसे दो लाख से ज्यादा वोट मिले।
इस हार का एक और बड़ा कारण सपा के मुखिया अखिलेश यादव का प्रचार से गायब होना रहा है। आजमगढ़ से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव ने कहा, "नहीं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। अखिलेश हर समय मेरे अभियान पर नजर रखे हुए थे।
आजमगढ़ सीट पर सपा को जीत की काफी उम्मीद था। यहां पर रामपुर के मुकाबले ज्यादा वोट पड़े थे। हालांकि दोनों सीटों पर मतदान का प्रतिशत कम था। विपक्ष ने सत्तारूढ़ पार्टी पर पुलिस का इस्तेमाल कर अल्पसंख्यक मतदाताओं को वोट डालने से रोकने का आरोप भी लगाया था। बहरहाल, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसे जनता की जीत करार दिया है। योगी ने कहा कि ये सरकार की नीतियों पर जनता की मुहर है।
अपनी राय बतायें