पूर्व बीजेपी सांसद स्वामी चिन्मयानंद के ख़िलाफ़ यौन शोषण का आरोप लगाने वाली लड़की ने कहा है कि बीजेपी नेता ने उसका बलात्कार किया है। पीड़िता ने कहा है कि स्वामी चिन्मयानंद ने एक साल तक उसका बलात्कार किया और शारीरिक उत्पीड़न भी किया है। पीड़िता ने कहा, ‘मेरे पास इस मामले में चिन्मयानंद को दोषी साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।’ पीड़िता ने कहा है कि वह इन सभी साक्ष्यों को सही समय आने पर एसआईटी को सौंप देगी।
पीड़िता ने आगे कहा कि उसने जो वीडियो बनाया था वह ख़ुद की और परिवार की सुरक्षा के लिए बनाया था, वरना चिन्मयानंद उन सभी को मार देता। बता दें कि स्वामी चिन्मयानंद केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं। पीड़िता ने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया था। लड़की ने वीडियो में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद माँगी थी। यह वीडियो सोशल मीडिया पर ख़ासा वायरल हुआ था।
पीड़िता स्वामी सुखदेवानंद पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में लॉ की छात्रा है और इस कॉलेज की वेबसाइट पर लिखा है कि स्वामी चिन्मयानंद कॉलेज की प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हैं। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने अपहरण और आपराधिक धमकी देने का मामला दर्ज किया था।
वीडियो में लड़की कहती है, ‘संत समाज का एक बड़ा नेता जो कई और लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर चुका है और मुझे भी जान से मारने की धमकी देता है। मैं योगी जी और मोदी जी से मदद करने की अपील करती हूँ। उसने मेरे परिवार को भी जान से मारने की धमकी दी है। मैं ही जानती हूँ कि मैं यहाँ कैसे रह रही हूँ, मेरी मदद करें।’लड़की आगे कहती है, ‘यह संन्यासी पुलिस और जिलाधिकारी को अपनी जेब में रखता है और इस बात की धमकी देता है। वह कहता है कोई उसका कुछ नहीं कर सकता लेकिन मेरे पास उसके ख़िलाफ़ सभी सबूत हैं। मैं आप लोगों से अपील करती हूँ कि प्लीज मुझे इंसाफ़ दिलाइये।’ लड़की ने यह वीडियो 24 अगस्त को शाम 4 बजे अपने फ़ेसुबक पेज पर अपलोड किया था।
चिन्मयानंद के वकील ने इस वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस में अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई थी। वकील ने आरोप लगाया था कि स्वामी चिन्मयानंद से संबंधित एक मोबाइल के वॉट्स ऐप नंबर पर एक मैसेज आया था, जिसमें 5 करोड़ रुपये की रंगदारी माँगी गई थी और आश्रम को बदनाम करने की धमकी दी गई थी। हैरानी तब हुई थी जब पुलिस पीड़िता के पिता की शिकायत पर एफ़आईआर दर्ज करने में आनाकानी कर रही थी लेकिन उसने चिन्मयानंद के वकील की शिकायत पर तुरंत एफ़आईआर दर्ज कर ली थी।
सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता द्वारा चिन्मयानंद के ख़िलाफ़ आरोप लगाने के मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम यानी एसआईटी जाँच कराने के निर्देश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाइकोर्ट से कहा था कि वह इस जाँच की निगरानी करे। कोर्ट ने अगले आदेश तक उत्तर प्रदेश पुलिस को लड़की और उसके परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा था।
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