राजनीति में जानी-पहचानी कहावत है कि दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है। मतलब केंद्र में अगर अपनी धमक चाहिए तो यूपी जीतो। लेकिन यूपी जीतना बेहद कठिन है। महज सवा साल बाद होने वाले यूपी के विधानसभा चुनाव के लिए मूल रूप से दिल्ली और हैदराबाद में राजनीति करने वाली पार्टियां भी कूद गई हैं। इससे कोर यूपी की राजनीति करने वाली पार्टियों की राजनीति पर असर पड़ सकता है।
यूपी: ओवैसी-राजभर मिले, बटोर पाएंगे अति पिछड़ा-मुसलिम वोट?
- उत्तर प्रदेश
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- 16 Dec, 2020
राजभर उत्तर प्रदेश में अति पिछड़ों की राजनीति करने के लिए जाने जाते हैं तो ओवैसी ने बिहार चुनाव के बाद हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में भी इस बात को साबित किया है कि मुसलिम मतदाता उनके साथ खड़े हैं।

15 नवंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सामने आए और आम आदमी पार्टी के यूपी में 2022 का चुनाव लड़ने का एलान किया। इसे लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के नेता-कार्यकर्ता भिड़े तो 16 नवंबर को एआईएमआईएम के सांसद असदउद्दीन ओवैसी यूपी के मैदान में आ गए। हालांकि वह पहले ही प्रदेश में चुनाव लड़ने का एलान कर चुके थे।