loader

चिन्मयानंद बलात्कार मामला : पीड़िता की अग्रिम ज़मानत याचिका मंजूर

पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद बलात्कार मामले में पीड़िता की अग्रिम ज़मानत याचिका मंजूर कर ली गई है। लेकिन एसआईटी उससे पूछताछ कर सकती है। पीड़िता पर चिन्मयानंद से 5 करोड़ रुपए की रंगदारी माँगने का आरोप है।  
पीड़िता ने शाहजहाँपुर की अदालत में मंगलवार को अग्रिम ज़मानत की याचिका दायर की। चिन्मयानंद के वकील ने इसका विरोध किया। लेकिन करीब 40 मिनट तक चली सुनवाई के बाद अदालत ने याचिका मंजूर कर ली। इस पर अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी। 
इससे पहले सोमवार को छात्रा ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की बेंच के सामने अपनी गिरफ़्तारी पर रोक लगाने की माँग की थी, लेकिन कोर्ट ने तब कहा था कि यदि पीड़िता कोई राहत चाहती है तो वह उचित पीठ के समक्ष नई याचिका दायर कर सकती है। अदालत ने कहा कि यह पीठ इस मामले में केवल जाँच की निगरानी करने के लिए बनाई गई है और गिरफ्तारी के मामले में रोक लगाने का कोई आदेश पारित करना उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है।

बीजेपी के पूर्व सांसद चिन्मयानंद पर अपने ही कॉलेज की छात्रा से बलात्कार करने का आरोप है, उन्हें गिरफ़्तार कर 14 दिन के लिए जेल भेज दिया गया है। यह गिरफ़्तारी तब हुई जब पीड़िता ने आत्मदाह की चेतावनी दी थी। पाँच दिन पहले ही उन्होंने आरोप लगाया था कि चिन्मयानंद एक साल तक ब्लैकमेल कर बलात्कार करते रहे थे। इस मामले में क़रीब एक माह पहले ही आरोप लगा था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दखल दी, स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम यानी एसआईटी गठित कर कार्रवाई करने को कहा और इलाहाबाद हाई कोर्ट को निगरानी करने कहा था। इस मामले में हाई कोर्ट में भी तीन दिन बाद ही सुनवाई भी होनी है। यानी कार्रवाई करने के लिए सरकार और पुलिस पर भारी दबाव था। 

बता दें कि पीड़िता और इसके परिवार की ओर से आरोप लगाया जाता रहा था कि चिन्मयानंद के ताक़तवर होने के कारण पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही थी और इसमें जानबूझ कर देरी की गई। मीडिया रिपोर्टों में भी ऐसी ही ख़बरें आई थीं। हालाँकि पुलिस ने इन आरोपों से इनकार किया।

विशेष जाँच दल के प्रमुख नवीन अरोड़ा ने कहा, ‘वीडियो उन्हें दिखाया गया था और अंत में स्वामी ने वीडियो की सत्यता को स्वीकार कर लिया। चिन्मयानंद ने हमें बताया कि उन्हें अपने कार्यों पर शर्म आती है।’

कार्रवाई में देरी के किसी भी आरोप को इनकार करते हुए अरोड़ा ने कहा, ‘दो दिनों के लिए स्वामी अस्पताल के चक्कर लगा रहे थे। हमने पूरी सावधानी बरती। जब हम संतुष्ट हो गए कि हम उन्हें गिरफ़्तार कर सकते हैं और उन्होंने सभी सबूत स्वीकार किए तो उनको गिरफ्तार किया।’ नवीन अरोड़ा ने यह भी कहा कि घटना के समय के सबूतों की जाँच की जा रही है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें