बीजेपी के पूर्व सांसद चिन्मयानंद पर अपने ही कॉलेज की छात्रा से बलात्कार करने का आरोप है, उन्हें गिरफ़्तार कर 14 दिन के लिए जेल भेज दिया गया है। यह गिरफ़्तारी तब हुई जब पीड़िता ने आत्मदाह की चेतावनी दी थी। पाँच दिन पहले ही उन्होंने आरोप लगाया था कि चिन्मयानंद एक साल तक ब्लैकमेल कर बलात्कार करते रहे थे। इस मामले में क़रीब एक माह पहले ही आरोप लगा था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दखल दी, स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम यानी एसआईटी गठित कर कार्रवाई करने को कहा और इलाहाबाद हाई कोर्ट को निगरानी करने कहा था। इस मामले में हाई कोर्ट में भी तीन दिन बाद ही सुनवाई भी होनी है। यानी कार्रवाई करने के लिए सरकार और पुलिस पर भारी दबाव था।
बता दें कि पीड़िता और इसके परिवार की ओर से आरोप लगाया जाता रहा था कि चिन्मयानंद के ताक़तवर होने के कारण पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही थी और इसमें जानबूझ कर देरी की गई। मीडिया रिपोर्टों में भी ऐसी ही ख़बरें आई थीं। हालाँकि पुलिस ने इन आरोपों से इनकार किया।
विशेष जाँच दल के प्रमुख नवीन अरोड़ा ने कहा, ‘वीडियो उन्हें दिखाया गया था और अंत में स्वामी ने वीडियो की सत्यता को स्वीकार कर लिया। चिन्मयानंद ने हमें बताया कि उन्हें अपने कार्यों पर शर्म आती है।’
कार्रवाई में देरी के किसी भी आरोप को इनकार करते हुए अरोड़ा ने कहा, ‘दो दिनों के लिए स्वामी अस्पताल के चक्कर लगा रहे थे। हमने पूरी सावधानी बरती। जब हम संतुष्ट हो गए कि हम उन्हें गिरफ़्तार कर सकते हैं और उन्होंने सभी सबूत स्वीकार किए तो उनको गिरफ्तार किया।’ नवीन अरोड़ा ने यह भी कहा कि घटना के समय के सबूतों की जाँच की जा रही है।
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