उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी के लिए पूरा जोर लगा रही बीजेपी के प्रचार अभियान को रफ़्तार देने के लिए ख़ुद गृह मंत्री अमित शाह मैदान में उतर रहे हैं। शाह 24 दिसंबर से 4 जनवरी के बीच उत्तर प्रदेश में ताबड़तोड़ चुनावी सभाएं करेंगे। इस दौरान वह 21 जनसभाओं को संबोधित करेंगे और कई रोड शो में भी हिस्सा लेंगे।
शाह 24, 26, 28, 30 दिसंबर और 1 व 4 जनवरी को इन चुनावी सभाओं और रोड शो में रहेंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बीते एक महीने में उत्तर प्रदेश के ताबड़तोड़ दौरे किए हैं।
साफ है कि बीजेपी उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को लेकर चुनावी मोड में आ गई है। पार्टी के तमाम बड़े नेताओं ने उत्तर प्रदेश के दौरे शुरू कर दिए हैं और जन विश्वास यात्राओं के जरिये भी पार्टी ने लोगों तक पहुंचना शुरू कर दिया है।
यूपी को समझते हैं शाह
बीजेपी में अमित शाह उन चुनिंदा नेताओं में से हैं, जो उत्तर प्रदेश को बहुत बेहतर ढंग से समझते हैं। ये अमित शाह ही हैं जिन्होंने बीजेपी को 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में जोरदार जीत दिलाई थी और विपक्षी दलों का लगभग सूपड़ा साफ़ कर दिया था। तब अमित शाह पार्टी के महासचिव होने के साथ ही उत्तर प्रदेश के प्रभारी भी थे।
इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए शाह ने सालों तक उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर रही बीजेपी की 2017 के चुनाव में सत्ता में धमाकेदार वापसी कराई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ख़ुद उत्तर प्रदेश में बीजेपी की जीत में शाह के योगदान को लेकर उनकी सार्वाजनिक रूप से तारीफ़ कर चुके हैं।
इसलिए इस बार भी यह तय है कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अमित शाह की अहम भूमिका रहेगी।
धड़ाधड़ लोकार्पण व शिलान्यास
चुनाव नजदीक आते ही योगी सरकार भी लोकार्पण व शिलान्यास कार्यक्रम में जुट गई है। योगी सरकार ने बीते दिनों में बड़े लाव-लश्कर के साथ गंगा एक्सप्रेस वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, जेवर एयरपोर्ट, सरयू नहर परियोजना और फिर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण व शिलान्यास किया था। इन प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
चुनावी हालात को देखकर साफ लगता है कि मुख्य मुक़ाबला बीजेपी गठबंधन और सपा गठबंधन के बीच ही होगा। लेकिन बीएसपी, कांग्रेस और एआईएमआईएम भी पूरा जोर लगा रहे हैं।
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