इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि सिर्फ़ आर्य समाज सोसायटी द्वारा जारी किए गए प्रमाण पत्र विवाह की वैधता को साबित नहीं करते हैं। इसने यह भी कहा है कि शादी को भी पंजीकृत किया जाना चाहिए। हाई कोर्ट ने यह टिप्पणी तब की जब वह एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
शादी की वैधता के लिए आर्य समाज का सर्टिफ़िकेट काफी नहीं: हाई कोर्ट
- उत्तर प्रदेश
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- 6 Sep, 2022
माता-पिता की अनुमति के बिना भी आर्य समाज मंदिर अब तक जो शादी कराते आए हैं उसकी मान्यता रहेगी या नहीं, जानिए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने क्या कहा।

याचिकाकर्ता ने अपनी शादी को साबित करने के लिए आर्य समाज द्वारा जारी सर्टिफिकेट को पेश किया। टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने कहा, 'अदालत विभिन्न आर्य समाज समितियों द्वारा जारी किए गए विवाह प्रमाणपत्रों से भर गई है, जिन पर इस अदालत के साथ-साथ अन्य उच्च न्यायालयों के समक्ष विभिन्न कार्यवाही के दौरान गंभीरता से विचार किया गया है।'